
20 साल के लड़के ने बनाया ऐसा सॉफ्टवेयर
देश में हर वर्ष लाखों जिंदगियां सड़क दुर्घटना का शिकार बनती है। शराब पीकर गाड़ी चलाना एक ऐसी समस्या है जो समय के साथ देश और दुनिया में जटिल होती जा रही हैं। हालांकि पुलिस और सरकार द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने में को लेकर कई तरह के नियम बनाएं हैं।
लेकिन बावजूद इसके हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक छात्र ने ऐसी एप्प का निर्माण किया है जो इन हादसों को कम या फिर पूरी तरह समाप्त कर के लाखों लोगों की जान बचा सकती है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र मोहित ने ‘रोड पल्स’ नाम से एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है। जिसका प्रयोग एक्सीडेंट से बचाव के लिए किया जा सकेगा। इस सॉफ्टवेयर में मोहित ने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया है।
यह कुछ इस तरह काम करता है। जैसे अगर किसी ने कार में सीट बेल्ट नहीं लगा रखी है, तो कार स्टार्ट नहीं होगी। इसके अलावा यदि कोई शराब पीकर गाड़ी में बैठता है और एल्कोहल की मात्रा कानूनी प्रावधान यानी 0.08 प्रतिशत से ज्यादा होती है, तो कार का इंजन स्टार्ट ही नहीं होगा।
इस सॉफ्टवेयर की मदद से इस बात का पता कि व्यक्ति ने कितनी दारु पी है, उसके कार का स्टियरिंग छूने से सेंसर के माध्यम से लग जाएगा।
बीटेक के छात्र मोहित का कहना है कि आने वाले वक्त में 2025 के बाद देश-दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का ही दबदबा होगा और सारे काम उसी पर आधारित होंगे। उसी को देखते हुए ये सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।
मोहित आगे कहते हैं कि अगर ये सॉफ्टवेयर जल्द ही गाड़ियों के अंदर पेश कर दिया जाता है, तो गाड़ी का कभी एक्सीडेंट नहीं होगा और यदि कोई जानबूझकर ऐसा करना भी चाहेगा तो भी वो नहीं कर पाएगा।
इसके साथ ही मोहित ने बताया कि ‘फिलहाल गाड़ियों में सीट बेल्ट न लगाने पर बीप की आवाज आती है।लेकिन इस सॉफ्टवेयर से गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी। वहीं गाड़ी में अल्कोहल का पता जैसे ही कोई ड्राइविंग सीट पर बैठेगा और सांस लेगा तो उसके कार्बन डाइऑक्साइड के पार्टीकल्स सामने लगे सॉफ्टवेयर के ऑटो मीटर पर जाकर लगेंगे और इन्फ्रारेड सेंसर, डिटेक्ट करके बताएगा कि व्यक्ति में अल्कोहल की वैल्यू सरकारी स्टैंडर्ड से ज्यादा है या नहीं।
मोहित के अनुसार सिर्फ यही नहीं, अक्सर लोग सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त यू-टर्न और दाएं-बाएं लेने के लिए इंडिकेटर का प्रयोग नहीं करते हैं।और दुर्घटना होने का चांस बढ़ जाता है। इस वजह से हजारों लोगों की जानें चली जाती है।
इसे रोकने के लिए मोहित ने अपने सॉफ्टवेयर में ऐसा फीचर लगाया है, जिससे गाड़ी अपने आप ही 50 मीटर के डिस्टेंस से पहले ही इंडिकेटर देना शुरू कर देगी। इसमें गूगल मैप को मशीन लर्निंग के साथ जोड़ा गया है।
मोहित ने अपनी इस कमाल की एप्प में कोहरे बचने का भी तरीका भी निकाला है। ऐसा देखा गया है कि हर साल कई लोग कोहरे की वजह से कार दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। इसके लिए भी मोहित ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का प्रयोग करके एक ऐसी टेक्नोलॉजी का निर्माण किया है, जिससे धुंध में आगे-पीछे की कारों और वस्तुओं का पता चल पाएगा।
ये सॉफ्टवेयर कार के अगले हिस्से में स्थित होगा। जो कार के आगे 50 मीटर की डिस्टेंस तक बताएगा कि आगे क्या है और उससे कार चालक कार को कंट्रोल कर सकेगा। कुल मिलाकर सॉफ्टवेयर के जरिए दुर्घटनाओं की संख्या को कम कर सकते हैं।
20 वर्षीय भिवानी निवासी मोहित इससे पहले भी कई अन्य कामयाबी अपने नाम कर चुके हैं। उनकी टीम गूगल स्टार्टअप वीकेंड में यूनाइटेड ब्वॉय प्लेयर्स नाम से 54 घंटे में एप तैयार कर दूसरा स्थान हासिल करने में कामयाबी हासिल कर चुकी है।
अपने बेटे की सफलता पर मोहित के पिता को गर्व है, उनका कहना है कि उन्हें बहुत अच्छा लगा कि बेटे ने एक्सीडेंट को खत्म करने के लिए ये सॉफ्टवेयर बनाया है, जिससे लोगों की जान बचाई जा सकती है।