उत्तर प्रदेश

राज्यपाल ने प्रदेश के प्राविधिक विश्वविद्यालयों के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष में हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के नवाचारों एवं संबंधित कार्यों पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष में हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के नवाचारों एवं संबंधित कार्यों पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया।

प्रस्तुतिकरण की समीक्षा करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में छात्रों से जन उपयोगी प्रोजेक्ट बनवाएं जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे जो भी प्रोजेक्ट छात्र बनाते हैं उसे दो-तीन जगहों पर संचालित कर उसके जन-सामान्य में उपयोग और उपादेयता का परीक्षण भी किया जाए।

नवाचार विषयों का अवलोकन करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि जो तकनीक पहले से उपलब्ध है उस पर पुनः कार्य न किया जाये अपितु नए क्षेत्रों के लिए उपयोगी तकनीक विकास के लिए प्रोजेक्ट चयन किए जाएं। उन्होंने कहा प्रोजेक्ट चयन करते समय उसकी व्यावसायिक उपादेयता को भी देखा जाए। नये अविष्कारों के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी करें जिससे प्रेरित होकर विद्यार्थी अधिक उन्नत और उपयोगी तकनीक को विकसित करें।

विश्वविद्यालयों में विकसित सफल प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने उन्हें बड़े स्तर पर जन उपयोग में लाने के लिए कार्य करने को कहा। उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा कोरोना काल में विकसित ऑक्सीजन मैनेजमेंट एप का चालू रखने, विश्वविद्यालय में विकसित ड्रोन से समीपस्थ खेतों में पेस्टीसाइट, पानी तथा दवा के छिड़काव का मुफ्त प्रदर्शन करके ग्रामीणों तक जानकारी देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन में ऐसी प्रणाली विकसित की जाये जिससे अति-बारिश से किसी खेत में खराब हुई फसल का प्रतिशत पता लगाया जा सके। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से इलेक्ट्रानिक वाहनों के चार्जिंग सिस्टम के विकास पर कार्य करने का सुझाव भी दिया।

राज्यपाल ने बैठक में वर्तमान शहरी जीवन से जुड़ी समस्याओं का विश्लेषण कर उन विषयों पर तकनीक विकास के लिए जोर दिया। उन्होंने कहा शहरों में ट्रैफिक का सुगम संचालन और जनता के शैचालयों की सफाई पर विशेष ध्यान केन्द्रित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा शहर की किसी एक समस्या के निराकरण से जुड़ा प्रोजेक्ट बनाएं और उसका सफल संचालन करके दिखाएं। उन्होंने अविष्कार कार्यों को शिक्षकों तक सीमित न रखकर उसमें विद्यार्थियों की प्रतिभागिता बढ़ाने का भी निर्देश दिया।

राज्यपाल ने केन्द्र की योजनाओं से संबंधित उपयोगी प्रोजेक्ट बनाने, पुराने छात्रों का संस्थान में सहयोग बढ़ाने, लघु एवं ग्रामीण उद्योगो को सहयोग देने वाली तकनीकियों को विकसित करने, तकनीक से लाभ लेकर विकसित हुए उद्योगों का प्रदर्शन करने जैसे अन्य विविध विषयों पर भी चर्चा की।

बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता, हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, के कुलपति प्रो. शमसेर, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर कुलपति प्रो. जे.पी. पाण्डेय तथा डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।किया। प्रस्तुतिकरण की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में छात्रों से जन उपयोगी प्रोजेक्ट बनवाएं जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे जो भी प्रोजेक्ट छात्र बनाते हैं।

उसे दो-तीन जगहों पर संचालित कर उसके जन-सामान्य में उपयोग और उपादेयता का परीक्षण भी किया जाए।
नवाचार विषयों का अवलोकन करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि जो तकनीक पहले से उपलब्ध है उस पर पुनः कार्य न किया जाये अपितु नए क्षेत्रों के लिए उपयोगी तकनीक विकास के लिए प्रोजेक्ट चयन किए जाएं। उन्होंने कहा प्रोजेक्ट चयन करते समय उसकी व्यावसायिक उपादेयता को भी देखा जाए। नये अविष्कारों के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी करें जिससे प्रेरित होकर विद्यार्थी अधिक उन्नत और उपयोगी तकनीक को विकसित करें।

विश्वविद्यालयों में विकसित सफल प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने उन्हें बड़े स्तर पर जन उपयोग में लाने के लिए कार्य करने को कहा। उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा कोरोना काल में विकसित ऑक्सीजन मैनेजमेंट एप का चालू रखने, विश्वविद्यालय में विकसित ड्रोन से समीपस्थ खेतों में पेस्टीसाइट, पानी तथा दवा के छिड़काव का मुफ्त प्रदर्शन करके ग्रामीणों तक जानकारी देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन में ऐसी प्रणाली विकसित की जाये जिससे अति-बारिश से किसी खेत में खराब हुई फसल का प्रतिशत पता लगाया जा सके। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालयों से इलेक्ट्रानिक वाहनों के चार्जिंग सिस्टम के विकास पर कार्य करने का सुझाव भी दिया।

राज्यपाल ने बैठक में वर्तमान शहरी जीवन से जुड़ी समस्याओं का विश्लेषण कर उन विषयों पर तकनीक विकास के लिए जोर दिया। उन्होंने कहा शहरों में ट्रैफिक का सुगम संचालन और जनता के शैचालयों की सफाई पर विशेष ध्यान केन्द्रित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा शहर की किसी एक समस्या के निराकरण से जुड़ा प्रोजेक्ट बनाएं और उसका सफल संचालन करके दिखाएं।

उन्होंने अविष्कार कार्यों को शिक्षकों तक सीमित न रखकर उसमें विद्यार्थियों की प्रतिभागिता बढ़ाने का भी निर्देश दिया।
राज्यपाल जी ने केन्द्र की योजनाओं से संबंधित उपयोगी प्रोजेक्ट बनाने, पुराने छात्रों का संस्थान में सहयोग बढ़ाने, लघु एवं ग्रामीण उद्योगो को सहयोग देने वाली तकनीकियों को विकसित करने, तकनीक से लाभ लेकर विकसित हुए उद्योगों का प्रदर्शन करने जैसे अन्य विविध विषयों पर भी चर्चा की।

बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता, हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, के कुलपति प्रो. शमसेर, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर कुलपति प्रो. जे.पी. पाण्डेय तथा डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष में हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के नवाचारों एवं संबंधित कार्यों पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। प्रस्तुतिकरण की समीक्षा करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में छात्रों उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष में हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के नवाचारों एवं संबंधित कार्यों पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया।

प्रस्तुतिकरण की समीक्षा करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में छात्रों से जन उपयोगी प्रोजेक्ट बनवाएं जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे जो भी प्रोजेक्ट छात्र बनाते हैं उसे दो-तीन जगहों पर संचालित कर उसके जन-सामान्य में उपयोग और उपादेयता का परीक्षण भी किया जाए।

नवाचार विषयों का अवलोकन करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि जो तकनीक पहले से उपलब्ध है उस पर पुनः कार्य न किया जाये अपितु नए क्षेत्रों के लिए उपयोगी तकनीक विकास के लिए प्रोजेक्ट चयन किए जाएं। उन्होंने कहा प्रोजेक्ट चयन करते समय उसकी व्यावसायिक उपादेयता को भी देखा जाए। नये अविष्कारों के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी करें जिससे प्रेरित होकर विद्यार्थी अधिक उन्नत और उपयोगी तकनीक को विकसित करें।

विश्वविद्यालयों में विकसित सफल प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने उन्हें बड़े स्तर पर जन उपयोग में लाने के लिए कार्य करने को कहा। उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा कोरोना काल में विकसित ऑक्सीजन मैनेजमेंट एप का चालू रखने, विश्वविद्यालय में विकसित ड्रोन से समीपस्थ खेतों में पेस्टीसाइट, पानी तथा दवा के छिड़काव का मुफ्त प्रदर्शन करके ग्रामीणों तक जानकारी देने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि ड्रोन में ऐसी प्रणाली विकसित की जाये जिससे अति-बारिश से किसी खेत में खराब हुई फसल का प्रतिशत पता लगाया जा सके। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालयों से इलेक्ट्रानिक वाहनों के चार्जिंग सिस्टम के विकास पर कार्य करने का सुझाव भी दिया।

राज्यपाल ने बैठक में वर्तमान शहरी जीवन से जुड़ी समस्याओं का विश्लेषण कर उन विषयों पर तकनीक विकास के लिए जोर दिया। उन्होंने कहा शहरों में ट्रैफिक का सुगम संचालन और जनता के शैचालयों की सफाई पर विशेष ध्यान केन्द्रित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा शहर की किसी एक समस्या के निराकरण से जुड़ा प्रोजेक्ट बनाएं और उसका सफल संचालन करके दिखाएं। उन्होंने अविष्कार कार्यों को शिक्षकों तक सीमित न रखकर उसमें विद्यार्थियों की प्रतिभागिता बढ़ाने का भी निर्देश दिया।

राज्यपाल ने केन्द्र की योजनाओं से संबंधित उपयोगी प्रोजेक्ट बनाने, पुराने छात्रों का संस्थान में सहयोग बढ़ाने, लघु एवं ग्रामीण उद्योगो को सहयोग देने वाली तकनीकियों को विकसित करने, तकनीक से लाभ लेकर विकसित हुए उद्योगों का प्रदर्शन करने जैसे अन्य विविध विषयों पर भी चर्चा की।

बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता, हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, के कुलपति प्रो. शमसेर, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर कुलपति प्रो. जे.पी. पाण्डेय तथा डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।से जन उपयोगी प्रोजेक्ट बनवाएं जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे जो भी प्रोजेक्ट छात्र बनाते हैं उसे दो-तीन जगहों पर संचालित कर उसके जन-सामान्य में उपयोग और उपादेयता का परीक्षण भी किया जाए।

नवाचार विषयों का अवलोकन करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि जो तकनीक पहले से उपलब्ध है उस पर पुनः कार्य न किया जाये अपितु नए क्षेत्रों के लिए उपयोगी तकनीक विकास के लिए प्रोजेक्ट चयन किए जाएं। उन्होंने कहा प्रोजेक्ट चयन करते समय उसकी व्यावसायिक उपादेयता को भी देखा जाए। नये अविष्कारों के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी करें जिससे प्रेरित होकर विद्यार्थी अधिक उन्नत और उपयोगी तकनीक को विकसित करें।

विश्वविद्यालयों में विकसित सफल प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने उन्हें बड़े स्तर पर जन उपयोग में लाने के लिए कार्य करने को कहा। उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा कोरोना काल में विकसित ऑक्सीजन मैनेजमेंट एप का चालू रखने, विश्वविद्यालय में विकसित ड्रोन से समीपस्थ खेतों में पेस्टीसाइट, पानी तथा दवा के छिड़काव का मुफ्त प्रदर्शन करके ग्रामीणों तक जानकारी देने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि ड्रोन में ऐसी प्रणाली विकसित की जाये जिससे अति-बारिश से किसी खेत में खराब हुई फसल का प्रतिशत पता लगाया जा सके। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालयों से इलेक्ट्रानिक वाहनों के चार्जिंग सिस्टम के विकास पर कार्य करने का सुझाव भी दिया।

राज्यपाल ने बैठक में वर्तमान शहरी जीवन से जुड़ी समस्याओं का विश्लेषण कर उन विषयों पर तकनीक विकास के लिए जोर दिया। उन्होंने कहा शहरों में ट्रैफिक का सुगम संचालन और जनता के शैचालयों की सफाई पर विशेष ध्यान केन्द्रित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा शहर की किसी एक समस्या के निराकरण से जुड़ा प्रोजेक्ट बनाएं और उसका सफल संचालन करके दिखाएं।

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राज्यपाल जी ने केन्द्र की योजनाओं से संबंधित उपयोगी प्रोजेक्ट बनाने, पुराने छात्रों का संस्थान में सहयोग बढ़ाने, लघु एवं ग्रामीण उद्योगो को सहयोग देने वाली तकनीकियों को विकसित करने, तकनीक से लाभ लेकर विकसित हुए उद्योगों का प्रदर्शन करने जैसे अन्य विविध विषयों पर भी चर्चा की।

बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता, हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर, के कुलपति प्रो. शमसेर, मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर कुलपति प्रो. जे.पी. पाण्डेय तथा डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

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