
राज्यपाल ने आगरा में आयोजित इण्डियन कांउसिल ऑफ केमिस्ट के 41वें सम्मेलन को ऑनलाइन सम्बोधित किया
प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा अयोजित इण्डियन कांउसिल आफ केमिस्ट के 41वें सम्मेलन को यहाँ राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय के रसायन विभाग द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता और शोध परियोजनाओं के सफल सम्पादन की चर्चा की।
उन्होंने विश्वविद्यालय के सामाजिक दायित्वों को लक्ष्य करते हुए आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दिशा में ‘‘एक महाविद्यालय एक गाँव‘‘ की तर्ज पर गाँव को गोद लेकर स्वास्थय समस्याओं के निराकरण में सहयोग करने, महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार, स्वच्छता अभियान जैसे विविध विकास कार्यों को करवाकर इस दिशा में उत्तरदायित्वों के सफल निर्वह्न पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक और परास्नातक स्तर पर नई शिक्षा नीति-2020 लागू करने, वोकेशनल कोर्स प्रारम्भ करने तथा नैक मूल्यांकन की तैयारी हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।
सम्मेलन के आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि ऐसे शैक्षणिक और अकादमिक कार्यक्रम शिक्षण प्रक्रिया के महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इनसे न सिर्फ ज्ञानार्जन होता है अपितु सामाजिक समस्याओं का समाधान भी प्राप्त होता है। इसी क्रम में राज्यपाल जी ने देश के वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम के लिए देश में स्वदेशी वैक्सीन के सफल निर्माण का उल्लेख भी किया।
उन्होंने कहा कि हमारे विज्ञानिकों ने आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए स्वदेशी वैक्सीन को-वैक्सीन और कोविशील्ड विकसित की थी, और अब नेजल वैक्सीन इनकोवैक भी तैयार कर ली है, जिसे भारत सरकार ने बूस्टर डोज के तौर पर अपने कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया है। इसी क्रम में राज्यपाल जी ने विश्व में कोरोना के पुनः बढ़ते प्रसार को देखते हुए सभी से कोरोना सम्बन्धी सावधानियों और ऐहतियात रखने को कहा।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में देश में हो रही जी-20 देशों की बैठकों का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ व ग्रेटर नोएडा में भी 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक ये आयोजित हो रही हैं। उन्होंने सभी को इस महाइवेन्ट में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आवाहन करते हुए कहा कि विदेशी भाषाओं का ज्ञान रखने वाले विद्यार्थी इन देशों के प्रतिनिधियों को अपने देश की विशेषताओं, पर्यावरण, लोकहित में सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की जानकारी दें। अपने विश्वविद्यालय में नवाचारों, स्टार्टअप, अन्य विविध गतिविधियों की प्रदर्शनी एवं डिजिटली माध्यम से प्रचारित करके उन प्रतिनिधियों को उनसे परिचित कराएं।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने देश में मोटे अनाजों के घटते उत्पादन पर भी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 60 के दशक में हमारे देश में कुल खाद्यान्न का 40 प्रतिशत उत्पादन मोटे अनाज के रूप में होता था। उन्होंने विश्वस्तर पर इसकी बढ़ती मांग, स्वास्थय की दृष्टि से इसके फायदे और इसके पोषक तत्वों के साथ-साथ इसके व्यंजनों की चर्चा भी की।
उन्होंने जानकारी दी कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोेदी जी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित कर दिया है। उन्होंने कार्यक्रम में आई.सी.सी. द्वारा सम्मानित हुए वैज्ञानिकों और शिक्षकों को उनके योगदान के लिए बधाई दी और आशा व्यक्त की कि उनका योगदान राष्ट्र और समाज हित में उपयोगी सिद्ध होगा।
इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने रसायन से पर्यावरण और जीवन में आने वाले परिवर्तनों की चर्चा की और कहा कि रसायन के उपयोग से विश्व में असीमित प्रगति हुई है। हर क्रिया और प्रतिक्रया में रसायन शामिल है।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 आशु रानी ने अपने सम्बोधन में आगरा के गौरवशाली इतिहास उपलब्धियों की चर्चा के साथ-साथ वर्तमान में विश्व में उपस्थित चुनौतियों और वैज्ञानिकों के योगदान पर चर्चा की।
इस अवसर पर राजभवन के अधिकारी तथा सम्मेलन स्थल आगरा से आनलाइन जुड़े उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 आशुरानी, इण्डियन कांउसिल ऑफ केमिस्ट के अध्यक्ष डॉ0 जी0सी0 सक्सेना, सचिव प्रो0 राजेश डकारे, सम्मेलन के संयोजक प्रो0 अजय तनेजा सहित देश-विदेश के वैज्ञानिक, शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।



