
तीरथ रावत के फैसलो और बयानों से लगातार जारी है सियासी हंगामा
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को अपने कार्यकाल के 30 दिन पूरे कर लिए हैं। इस दौरान एक के बाद एक विवादित बयान, उनके कोरोना संक्रमित होने। लंबे एकांतवास में सक्रिय रहते हुए कामकाज करने से लेकर त्रिवेंद्र राज के फैसलों को पलटने का सिलसिला थमा नहीं है। हालांकि विपक्षी विधायकों की सुध लेने का निर्णय लेकर मुख्यमंत्री चुनावी साल में उनका भी दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं।
नौकरशाही की मनमानी की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की पहली बैठक में साफ कर दिया कि वे नियमों की किताबें नहीं पढ़ेंगे। बल्कि जनता के चेहरों के देखकर फैसले करेंगे। ऐसा कहकर उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि उन्हें आम जनता की फिक्र है। चुनावी साल के दबाव में मुख्यमंत्री का लगातार इसी बात पर जोर है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत ने कुंभ मेले को लेकर नाराज साधु संतों को मनाने के अभियान पर हैं।