
जानिए नागपंचमी के पर्व पर क्या करें और क्या ना करें
नागपंचमी’ का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। आज के दिन नाग देवता की पूजा होती है। बिहार, बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान में लोग कृष्ण पक्ष में यह त्योहार मनाते है। जबकि देश के बाकी हिस्सों में श्रावण शुक्ल पंचमी को ये पर्व मनाया जाता है। सावन को भगवान शिव का प्रिय महीना कहा जाता है, इस महीने में धरा बेहद खूबसूरत, हरी-हरी और साफ नजर आती है, नाग पंचमी सावन माह के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन लोग घरों में नाग देवता की पूजा करते हैं।
क्या ना करें-
नागपंचमी के दिन जमीन की खुदाई नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सांप या नाग दोनों का बसेरा धरती के अंदर होता है। ऐसे में जमीन खोदने का मतलब उनके घर पर हमला करना हुआ इसलिए जमीन की खुदाई करने से रोका जाता है। नागपंचमी के दिन धरती पर हल भी नहीं चलाया जाता है। सुई में धागा भी नहीं डालना चाहिए। और ना ही कैंची या चाकू से किसी कपड़े को काटने का काम करना चाहिए।
नाग या सांप को दूध अर्पित कीजिए लेकिन पिलाइए मत नाग देवता को दूध चढ़ता है। लेकिन उन्हें दूध नहीं पिलाया जाता है। जीव हत्या ना करें, किसी भी तरह से सांप को नुकसान ना पहुंचाएं। इस दिन आग पर तवा और लोहे की कढ़ाही चढ़ाना भी अशुभ माना गया है।
क्या करें-
शिव की पूजा सफेद कमल से करें। सांपों के बिंब की पूजा करें। हल्दी का प्रयोग नाग देवता की पूजा में करें। नागपंचमी के दिन सुंगंधित अगरबत्ती की पूजा करें, सांप और नाग देवता को सुंगध प्रिय है।
क्या करें –
शिव की पूजा सफेद कमल से करें। सांपों के बिंब की पूजा करें। हल्दी का प्रयोग नाग देवता की पूजा में करें। नागपंचमी के दिन सुंगंधित अगरबत्ती की पूजा करें, सांप और नाग देवता को सुंगध प्रिय है।
क्यों मनाया जाता है नागपंचमी का त्योहार? नाग पंचमी के खास दिन पूरे उत्तर भारत में नाग देवता के 12 रूपों की पूजा की जाती है। दरअसल सांप इंसान का शत्रु नहीं मित्र है। इसी बताने के लिए नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। भारत एक कृषिप्रधान देश है और सांप हमारे खेतों की रक्षा करते हैं क्योंकि यह फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले चूहों और कीड़ों को खा लेते है। इसलिए उन्हें ‘क्षेत्रपाल’ भी कहा जाता है और इसी कारण ये पूजे जाते है। यही नहीं लोग सर्प को तीनों लोक के स्वामी भगवान शिव के आभूषण के रूप में देखते हैं इसलिए इनकी पूजा होती है।