
आजादी की 76वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक बनाने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए
मुख्य सचिव ने यह निर्देश सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि जनपद में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पद्मविभूषण, परमवीर चक्र, अशोक चक्र, शौर्य चक्र, वीरता पुरस्कार तथा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त करने वाले संभ्रात नागरिकों अथवा उनके परिजनों को अधिकारी स्वयं जाकर झण्डा दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में भी आमंत्रित किया जाये और मंच पर स्थान दिया जाये और उन्हें सम्मानित करें और ओ0डी0ओ0पी0 के उत्पाद भेंट करें।
उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को प्रदेश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। इसमें विभाजन से विस्थापित हुए परिवारों की पहली व दूसरी पीढ़ियों को साथ लेकर शरणार्थी बस्तियों, बाजार या विवि से तिरंगा लेकर आधा से एक किमी दूरी तक की मौन यात्रा निकाली जाए। यात्रा में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए। कार्यक्रम में विभाजन से विस्थापित हुए परिवारों के अनुभव शेयर करने तथा विभीषिका पर आधारित डॉक्यूमेंट्री/फिल्म का भी प्रदर्शन कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण अमृत महोत्सव के अंतर्गत 15 जुलाई से 18 से अधिक उम्र के पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क प्रिकॉशन डोज लगायी जा रही है, यह कार्यक्रम 30 सितम्बर तक चलेगा। इस कार्यक्रम के तहत जहां भी 100 से अधिक कर्मचारी हो वहां कैम्प लगवाकर या क्लस्टर में एक जगह कैंप लगवाकर सभी पात्र कार्मिकों को शत-प्रतिशत प्रिकाशन डोज लगवायी जाये। कोविड का इंफेक्शन रेट बढ़ रहा है, अतः प्रिकॉशन डोज लेने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी डोज लेने के लिये प्रेरित करें।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दो खुराक ले चुके 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग तीसरी खुराक के रूप में कोर्बेवैक्स का टीका लगवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य उपकेन्द्रों के निर्माण के लिये जिन जनपदों में भूमि चयन का कार्य अवशेष है, उसे शीघ्र पूरा कर लिया जाये, ताकि निर्माण कार्य प्रारम्भ हो सके, भूमि का चयन गांव या शहर के समीप होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि समस्त निराश्रित गोवंश का संरक्षण आगामी 31 दिसम्बर तक अनिवार्य रूप से करना है, इसके लिये अतिरिक्त गौ-आश्रय स्थलों की आवश्यकता होगी। अतिरिक्त गौ-आश्रय स्थल के निर्माण के लिये भूमि चिन्हांकन कर कन्वर्जेन्स के माध्यम से तेजी से निर्माण कार्य कराया जाये। उन्होंने कहा कि गौ-आश्रय स्थलों का टीम बनाकर समय-समय पर औचक निरीक्षण कराया जाये। निरीक्षण के दौरान आहार की गुणवत्ता का सत्यापन भी किया जाये।
उन्होंने कहा कि राज्य निकायों के निर्वाचन का समय बहुत कम रह गया है, अतः जिन जनपदों में परसीमन की अंतिम अधिसूचना निर्गत करने का कार्य अवशेष है, वह निर्धारित समयावधि के भीतर अंतिम अधिसूचना निर्गत करा दें। उन्होंने कहा कि नगर निगम की सीमा में शामिल किये गये ग्रामीण इलाकों में चल रहे निर्माण कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करा दिया जाये। उन्होंने मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के अंतर्गत गठित नगर निकायों और विस्तारित किये गये पुराने नगर निकायों में मूलभूत विकास किया जाना है, अतः इसकी विस्तृत कार्य योजना तैयार कर शीघ्र नगर विकास विभाग को उपलब्ध करा दी जाये।
उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र रोजगार की अपार संभावनायें हैं। जनपदों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ऐतिहासिक धरोहरों की उच्च गुणवत्ता के फोटोग्राफ्स संबंधित जनपद की वेबसाइट्स पर अपलोड कराते हुये उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी भी लिखी जाये। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ब्लॉग भी लिखवा सकते हैं, इससे पूरी दुनिया के लोग ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानेंगे और आयेंगे भी। साथ ही ऐसे स्थानों पर स्थानीय लोगों को जोड़कर इकोनॉमिक एक्टिविटीज कर आजीविका के साधन भी सृजित करें।
इससे पूर्व, जिलाधिकारी महोबा द्वारा ‘एक ऐतिहासिक धरोहर’ प्रस्तुतीकरण दिया गया है, जिसमें उन्होंने ऐतिहासिक धरोहर के विकास कार्यों तथा भविष्य में कराये जाने वाले कार्यों के बारे में अवगत कराया। इसी क्रम में जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतापगढ़ में चलाये जा रहे अभियान के विषय में अवगत कराया।
जिलाधिकारी सीतापुर द्वारा जलकुंभी शिल्प (Water Hyacinth Craft) पर तथा सीडीओ सिद्धार्थनगर द्वारा कनवर्जेन्स के माध्यम से शिक्षा अवस्थापना सुविधाओं के किये गये विकास के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसी तरह जिलाधिकारी शाहजहांपुर द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत जनपद में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों एवं नवाचारों के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अवगत कराया गया।
बैठक में सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।



