सभी सातों क्राइटेरिया पर तैयारी के लिए अलग सदस्य और उसकी टीम बनाई जाए
प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही एवं कृषि राज्यमंत्री श्री बलदेव सिंह औलख के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ के नैक हेतु विश्वविद्यालय की नैक मूल्यांकन कमेटी के साथ तैयारियों का प्रस्तुतिकरण देखा। राज्यपाल जी ने प्रस्तुतीकरण को बेहतर करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी सातों क्राइटेरिया में नैक मूल्यांकन के लिए निर्धारित प्रत्येक बिन्दु पर सुदृढ़ तैयारी की आवश्यकता है।
प्रस्तुतिकरण के दौरान राज्यपाल ने कमेटी के सदस्यों में तैयारी हेतु कई बिन्दुओं पर भ्रमण की स्थिति को भी लक्षित करते हुये कहा कि कमेटी के सदस्यों को नैक मूल्यांकन के लिए अर्हताओं का ज्ञान आवश्यक है, जिससे सटीक प्रस्तुतिकरण किया जा सके। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के ‘ए प्लस प्लस’ नैक ग्रेड प्राप्त लखनऊ विश्वविद्यालय तथा बेहतर तैयारी कर चुके कृषि विश्वविद्यालयों का अनुसरण करने को कहा।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी सातों क्राइटेरिया पर अलग-अलग सदस्य बनाकर उनके अधीन भी टीम गठित कराकर तैयारी करें। सुदृढ़ तैयारी के लिए बड़ी टीम गठित कर एक साथ बैठकर कार्य करें। उन्होंने कुलपति श्री राजेश कुमार मित्तल को प्रतिदिन टीम के साथ बैठकर कार्य प्रगति की समीक्षा का निर्देश दिया। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय पहली बार नैक मूल्यांकन के लिए अग्रसर है इसलिए सुदृढ़ तैयारी के साथ उच्च ग्रेड प्राप्त करने की क्षमता से ‘एस0एस0आर0’ दाखिल करें।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में आई0टी0 उपयोग को बढ़ावा देने, प्रतिबद्धता के साथ सुधारों को लागू करने, पुस्तकालय खोलने की समय सीमा बढ़ाने, शोध कार्यों को ‘‘शोध गंगा’’ पर अपलोड कराने, विश्वविद्यालय में उपलब्ध पशु चिकित्सा हेतु एम्बुलेंस सेवा को सातों दिन उपलब्ध कराने, उद्योगपतियों को विश्वविद्यालय की सुविधाओं में वृद्धि हेतु सहायता के लिए आमंत्रित करने, आवंटित धनराशि का समुचित उपयोग करने, अंतर्विश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं को आयोजित कराने जैसे विभिन्न विषयों पर भी चर्चा करके आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंन कहा बैठक में दिए गए सभी सुझाव आवश्यक रूप से प्रस्तुतिकरण में शामिल किए जाएं।
बैठक में प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मूल्यांकन से पूर्व विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए स्थानीय विधायकों तथा सांसदों से उनकी निधि से सहायता प्राप्त करने हेतु अनुरोध किया जा सकता है। उन्होंने कुलपति से कहा कि वे विधायक एवं सांसद निधि से सहायता और अपेक्षित सुधार हेतु कार्यक्रम के आयोजन का प्रस्ताव दें। श्री शाही ने विश्वविद्यालय में शुगर फैकल्टी प्रारम्भ करने की भी चर्चा की और कुलपति को निर्देश दिया कि वर्तमान परिसर में ही इस फैकल्टी को भी यथाशीघ्र प्रारम्भ कर दिया जाये। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय के पास पर्याप्त स्थान है।
यहां के अधिकारी केन्द्र के उच्च श्रेणी के कृषि विद्यालयों का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन करें और उसी तर्ज पर अपने विश्वविद्यालय में भी आवश्यक सुधार करें। उन्होंने विश्वविद्यालय के परिसर में बाहरी तत्वों का आवागमन सख्ती से रोकने के निर्देश के साथ नैक मूल्यांकन के लिए राज्यपाल जी के नेतृत्व में सभी आवश्यक सुधारों को लागू कराने को भी कहा।
राज्य कृषि मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख ने बैठक में विद्यार्थियों के भ्रमण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि भ्रमण के लिए विविधता के साथ विश्वविद्यालयों, उद्योग केन्द्रों तथा सामाजिक क्षेत्रों और गांवों, सहायता आश्रमों, आश्रम स्थलों पर ले जायें, जिससे उनमें शैक्षिक और व्यवहारिक ज्ञान वृद्धि हो। उन्होेंने विद्यार्थियेां के भ्रमण अनुभवों को आगामी छात्रों के उपयोग के लिए संकलित कराने को भी कहा।
बैठक में राज्यपाल जी ने कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्रदर्शित तकनीकियों के प्रभाव के आंकलन के आधार पर ‘इम्पैक्ट आफ टेक्नोलॉजीस डिमॉन्सट्रेटेड बाई केवीके’ पुस्तक का विमोचन भी किया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल श्री महेश कुमार गुप्ता, विशेष सचिव राज्यपाल श्री बी0एन0 सिंह, सचिव कृषि शिक्षा श्री अनुराग यादव, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा सहित विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन तैयारी के लिए गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।



