नामांतरण के लिए करना पड़ेगा इंतजार, अभी सॉफ्टवेयर नहीं तैयार
नई दरों पर सम्पत्ति का नामांतरण कराने के लिए इस महीने और इंतजार करना पड़ेगा। नया सॉफ्टवेयर एनआईसी से अभी तैयार नहीं हुआ है। नगर निगम ने नामांतरण के लिए निर्धारित की गईं नई दरों का विवरण एनआईसी को भेज दिया है। उम्मीद है कि इस महीने के आखिरी तक एनआईसी सॉफ्टवेयर में बदलाव कर देगा।
इसके बाद लोग नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। फिलहाल नगर निगम भवन स्वामियों की सुविधा के लिए मैनुअल आवेदन ले रहा है। नगर निगम में नामांतरण के लगभग 2,000 आवेदन लम्बित हैं। 22 अक्टूबर को आयोजित नगर निगम कार्यकारिणी बैठक में नामांतरण शुल्क कम करने का प्रस्ताव पास हो गया था। अब नामांतरण शुल्क 1 प्रतिशत की जगह अधिकतम 10,000 रुपये लगेगा।
नामांतरण शुल्क की नई दरें
सम्पत्ति का मूल्य शुल्क (रुपये में)
5 लाख तक 3500
10 लाख तक 5500
20 लाख तक 7500
30 लाख तक 9500
30 लाख से अधिक 10,000
नामांतरण के लिए आवेदन बढ़े, भवन स्वामी कर रहे बेसब्री से इंतजार
नगर निगम की ओर से निर्धारित की गईं नई दरों पर सम्पत्तियों का नामांतरण कराने के लिए भवन स्वामी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। नामांतरण कराने के लिए अब नगर निगम में तेजी से आवेदन आ रहे हैं। शासन के आदेश के बाद आवास विकास और लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपने यहां अधिकतम 10,000 रुपये नामांतरण शुल्क लेने का आदेश लागू कर दिया था। हजारों भवन स्वामी नगर निगम में भी शुल्क कम होने का इंतजार कर रहे थे। एनआईसी से सॉफ्टवेयर में बदलाव होते ही नामांतरण के आवेदनों का तेजी से निस्तारण होने लगेगा।
नामांतरण शुल्क मद से नगर निगम की आय होगी कम
नई दरें लागू होने से एक ओर भवन स्वामियों को फायदा होगा, वहीं नगर निगम की नामांतरण शुल्क मद से आय में भारी कमी होगी। उदाहरण के तौर पर 50 लाख रुपये की सम्पत्ति का नामांतरण करने पर पहले नगर निगम को 1 प्रतिशत यानी 50,000 रुपये शुल्क मिलता था, लेकिन अब केवल 10,000 रुपये ही मिलेंगे। पिछले वित्तीय वर्ष में नगर निगम को नामांतरण शुल्क से लगभग 50 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन अब 5 करोड़ ही मिलने की संभावना है।
नगर निगम ने एक सप्ताह पहले नामांतरण शुल्क में बदलाव के लिए एनआईसी को डिटेल भेज दी है। इस महीने के अंत तक नया सॉफ्टवेयर बन जाएगा। भवन स्वामियों की सुविधा के लिए नगर निगम अभी मैनुअल आवेदन ले रहा है। सॉफ्टवेयर बन जाने के बाद आवेदन करने वालों का निर्धारित 45 दिनों की समयावधि में नामांतरण कर दिया जाएगा।
-अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, लखनऊ नगर निगम