जन संसद
VVPAT ईवीएम पर हंगामा क्यूं है बरपा
अशोक गहलोत ने कहा कि उस माई-बाप को तो कम से कम विश्वास दिलवाएं कि वह जिसको चाहता है, उसी के लिए मशीन के अंदर वोट पड़े। अगर चुनावों में ही उसके साथ धोखाधड़ी होती है, तो लोकतंत्र की नींव कमजोर होती होगी।
पूरे देश में पता नहीं क्यों एक आशंका पैदा हो गई है कि ईवीएम मशीनों में कुछ गड़बड़ की जा सकती है। वैसे ऐसा होना कोई बड़ी बात भी नहीं है। मेरी वेबसाइट से भी कुछ ऐसी डाउनलोड्स की पोस्ट स्वत: ही पब्लिश हो जाती है, जो हमारे द्वारा डाली ही नहीं जातीं। सारा कुछ सर्च करा लिया। ये पोस्ट्स है कि पकड़ में ही नहीं आती।
गहलोत ने कहा कि यह केस सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट को भी आशंका थी इसलिए उन्होंने चुनाव आयोग से VVPAT को इस्तेमाल करने के लिए कहा। अगर आशंका नहीं होती तो VVPAT क्यों शुरू किया था। लेकिन VVPAT आने के बाद भी लोगों को आशंका है। मेरा तो मानना है कि बैलेट सिस्टम पर फिर से वापस आ जाना चाहिए।
अशोक का कहना है कि चुनाव आयोग सभी बड़ी पार्टियों को बुला कर बात करे। उन्होंने बैलेट पेपर के बारे में बात करते हुए कहा कि मेरा ऐसा मानना है कि अगर दुनिया के बड़े देश फिर से बैलेट पेपर पर आ गए हैं तो हम क्यों नहीं आ सकते। और जब ऐसी ईवीएम को बनाने वाले देश में ही इससे चुनाव नहीं होता तो यहॉं पर ऐसा क्यों है?
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