दो डॉक्टर समेत छह कर्मचारियों पर गिरी गाज, उप मुख्यमंत्री ने उठाया ये कदम
ओटी कक्ष में महिला नसबंदी का वीडियो वॉयरल होने के मामले में दो डॉक्टर समेत छह कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर एक डॉक्टर का तबादला कर दिया गया। स्टाफ नर्स और वार्ड आया को भी हटाकर दूसरे अस्पताल भेजा गया है। दो ट्रेनी फार्मासिस्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रकरण की रिपोर्ट चार दिन में तलब की गई है। दोषियों के विरूद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई होगी।
मामला सीतापुर स्थित हरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) का है। यहां के ओटी कक्ष में महिला नसबन्दी प्रक्रिया के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया में वॉयरल हुआ था। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इसका संज्ञान लेते हुए तत्काल सीतापुर सीएमओ को मामले की जांच के निर्देश दिए। शुरूआती जांच में सामने आए आरोपितों पर कार्रवाई की गई है।
ब्रजेश पाठक ने बताया कि हरगांव सीएचसी अधीक्षक डॉ. नीतेश वर्मा को तत्काल एलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थानान्तरित कर दिया गया है। उनका एक माह का वेतन रोकते हुए तीन दिन के अन्दर स्पष्टीकरण तलब किया है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. गोविन्द का भी एक माह का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इतना ही नहीं, घटना में सीएचसी की स्टाफ नर्स राधा वर्मा और वार्ड आया कल्पना को हरगांव सीएचसी से हटाकर कसमण्डा सीएचसी में तैनात कर दिया गया है। साथ ही एक माह का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तबल किया गया है। ट्रेनी फार्मासिस्ट सत्य प्रकाश एवं अतुल अवस्थी पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
मोबाइल की भी जांच होगी
ब्रजेश पाठक ने कहा कि घटना के वक्त ओटी में मौजूद सभी डॉक्टर और कर्मचारियों के मोबाइल की जांच कराई जायेगी। घटना में दोषियों को किसी भी दशा में बक्शा नहीं जाएगा। महिलाओं के प्रति सरकार बेहद संवेदनशील है। मरीजों की गोपनीयता भंग करने वाले किसी भी दशा में बच नहीं पाएंगे।