ज्योतिष

विजयादशमी पर सिर्फ भगवान राम ही नहीं इन देवियों का भी बरसता है आशीर्वाद, जानें कैसे?

हिंदू धर्म में आश्विनमास के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि पर पड़ने वाले इस महापर्व पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम, अपराजिता देवी की पूजा और देवी दुर्गा के विसर्जन का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है। जिस दशहरा को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है।

उसमें की जाने वाली साधना जीवन के सभी दुखों को दूर करके सुख-सौभाग्य को दिलाने वाली मानी गई है. ऐसे में यदि आप इन दिनों किसी बड़ी समस्या से परेशान चल रहे हैं या फिर आपकी कोई बड़ी मनोकामना है तो आपको नीचे बताए गये शुभ मुहूर्त पर विजयादशमी की पूजा जरूर करना चाहिए.

दशहरा की पूजा का विजय मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्लपक्ष दशमी तिथि को ​दशहरा या फिर कहें विजयादशमी के महापर्व के रूप में जाना जाता है. हिंदू आस्था से जुड़ा यह पर्व इस साल 24 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार इस दिन विजय मुहूर्त की पूजा का शुभ समय दोपहर 01:58 से 02:43 बजे के बीच रहेगा. वहीं अपराह्न समय में की जाने वाली पूजा का समय दोपहर 01:13 से 03:28 बजे तक रहेगा.

दुर्गा विसर्जन का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस साल दुर्गा विसर्जन 24 अक्टूबर 2023, मंगलवार को किया जाएगा. इस दिन देवी को विदा करते हुए उनके विसर्जन का सबसे उत्तम समय प्रात:काल 06:27 से 08:42 बजे तक रहेगा।

दुर्गा विसर्जन की पूजा विधि
हिंदू मान्यता के अनुसार विजयादशमी के दिन देवी दुर्गा की प्रतिमा को किसी जल तीर्थ पर विसर्जित करने से पहले उनकी पुष्प, चंदन, अक्षत, रोली, फल आदि से पूजा करें. इसके बाद देवी की मूर्ति या फोटो के सामने स्थापित किए गये कलश के सामने चढ़ाई गई श्रृंगार की सामग्री, धन, फल आदि को किसी सुहागिन महिला को दे दें।

इसके बाद कलश के आस-पास उगे जौ को अपने धन स्थान आदि पर ले जाकर रखें. सबसे अंत में देवी की प्रतिमा, कलश आदि को किसी जल तीर्थ पर जाकर विसर्जित करके देवी से सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए।

दशहरे पर कैसे करें भगवान राम की पूजा
विजयादशमी के दिन भगवान श्री राम का आशीर्वाद पाने के लिए प्रात:काल स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले अपने पूजा घर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर रामदरबार स्थापित करके उनका दूध, दही, घी, गंगाजल आदि से अभिषेक करें।

इसके बाद भगवान राम की पुष्प, चंदन, धूप, दीप आदि से पूजा करें तथा उन्हें भोग लगाएं और उनके मंत्र का अधिक से अधिक जप करें. भगवान राम की पूजा के अंत में उनकी पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ आरती करें तथा उनसे सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए कामना करें.

अपराजिता देवी की पूजा महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विजय की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को आश्विन मास के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि वाले दिन अपराजिता देवी की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए. अपराजिता देवी की पूजा हमेशा दोपहर के समय उत्तर-पूर्व यानि ईशान कोण की ओर मुंह षोडशोपचार पूजन करते हुए जया और विजया देवी की का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।

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