संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में सोमवार को अमेरिका और उसके प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों ने तेहरान के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और रूस का विरोध किया।
अमेरिका ने “ईरान को परमाणु हथियार संपन्न होने से रोकने के लिए सभी आवश्यक साधनों का उपयोग करने” का संकल्प जताया।
अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने ईरान पर आरोप लगाया कि वह अपनी परमाणु गतिविधियों को, परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के उद्देश्य से 2015 के समझौते में तय की गई सीमाओं से कहीं अधिक बढ़ा रहा है और संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ सहयोग करने में विफल रहा है।
ईरान और रूस ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया, जिन्हें समझौते के तहत हटा दिया जाना था। दोनों देशों ने जोर देकर कहा कि तेहरान का परमाणु कार्यक्रम अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (आईएईए) की निरंतर निगरानी में है।
यह टकराव ईरान और छह प्रमुख देशों – अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी – के बीच परमाणु समझौते के कार्यान्वयन पर अर्ध-वार्षिक बैठक के दौरान हुआ, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना के रूप में जाना जाता है।
समझौते के तहत तेहरान ने आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए आवश्यक स्तर तक यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने पर सहमति व्यक्त की थी।
वर्ष 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को समझौते से यह कहते हुए अलग कर लिया था कि वह और कड़ा समझौता करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। परिषद की बैठक मई के अंत में आईएईए की रिपोर्ट के बाद हुई जिसमें कहा गया था
कि ईरान के पास 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित 142 किलोग्राम (313 पाउंड) से अधिक यूरेनियम है, जो 90 प्रतिशत के हथियार-ग्रेड स्तर बनाने में बेहद मददगार है।
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