वन्दे मातरम
Great lord madhavadev-महान विभूति
इनकी प्रमुख कृतियां हैं:
काव्य : रासजूय, जन्म रहस्य, नाम घोषा नाम मालिका, भक्ति राचनावाली, बरगीत और आदिकांड।
नाटक : चोरधरा पिम्परा गुचोवा, दधिमंथन, भूमि लेटोवो और बोजन विहार।
नामघोषा का वैष्णव धर्म के महाग्रंथों में अद्वितीय स्थान है। इसमें अपने एक देव एक नाम के विश्वास के साथ एक शरणवादी महापुरुषिया धर्म का प्रतिपादन किया। बरगीतों में मानव जीवन की दुर्लभता किंतु क्षणभुगंर-मायामय बताते हुए इस भवसागर में हरिभक्ति की महत्ता का वर्णन किया गया।
इन्होंने अपने गुरु शंकरदेव के अधूरे कार्यों को पूरा करने के उद्देश्य से विभिन्न सत्रों की स्थापना की और नामधरों को साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बताया। माधवदेव बहुमुखी प्रतिभा के धनि थे जिन्होंने गुरुजी के एक शरणिया संप्रदाय का प्रचार-प्रसार किया। अत: उनका भी ऐतिहासिक महत्व है।………..End.
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