मांगों को लेकर दिल्ली सीमा के पास डटे किसान, अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से किसान सोमवार को सरकार द्वारा अधिग्रहित अपनी जमीनों के उचित मुआवजे की मांग को लेकर दिल्ली कूच के लिए नोएडा-दिल्ली सीमा पर पहुंचे और ‘‘बोल किसान हल्ला बोल’’ जैसे नारे लगाकर प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुरू हुए किसानों के आंदोलन और नारेबाजी ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है।
इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘एक कृषि प्रधान देश में किसान का आंदोलित होना सरकार की सबसे बड़ी विफलता है।
संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की ओर किसानों के इस विरोध मार्च को देखते हुए पुलिस ने कई अवरोधक लगाए हैं। कई अलग-अलग किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शशिकांत ने बताया कि नोएडा में सोमवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन एसकेएम की गौतमबुद्ध नगर इकाई के तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
शशिकांत ने कहा, ‘‘आंदोलन को विफल करने के लिए एसकेएम के जिला प्रमुख गंगेश्वर दत्त शर्मा को सोमवार को गिरफ्तार किया गया, लेकिन मोर्चा के नेताओं ने सरकार के नरम पड़ने तक अपनी जायज मांगों के लिए दबाव बनाना जारी रखने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि किसानों की प्रमुख मांगों में भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 के तहत भूमि अधिग्रहण से जुड़े किसानों के बकाए का भुगतान शामिल है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके मुआवजे की राशि का केवल 33.3 प्रतिशत भुगतान किया गया है।
किसान नेता ने कहा कि इस अधिनियम के तहत किसानों को ‘‘सभी विकसित भूमि के 10 प्रतिशत भूखंड’’ आवंटित करने का आदेश दिया गया था और कहा कि यह मांग भी पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में किसानों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के बीच रविवार को हुई वार्ता विफल होने के बाद सोमवार का विरोध प्रदर्शन हुआ।