हालांकि स्मृति ईरानी ने यह साफ करने की कोशिश की है कि ‘सरकार Fake News’ की जांच को रेगुलेट या ऑपरेट नहीं करेगी और इसके लिए जो नैतिक आचरण नियम तय किए जाएंगे, वे वही होंगे जो एनबीए और पीसीआई जैसी पत्रकारों की संस्थाओं के हैं।
वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए ट्वीट करते हैं, ‘ऐसी गलती न करें. यह मुख्यधारा की मीडिया पर असाधारण हमला है। यह वैसा ही है जैसा राजीव गांधी का एंटी डेफमेशन बिल था। समूची मीडिया को अपने मतभेद भुलाकर इसका विरोध करना चाहिए।’
Shekhar Gupta
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@ShekharGupta
Make no mistake: this is a breathtaking assault on mainstream media. It’s a moment like Rajiv Gandhi’s anti-defamation bill. All media shd bury their differences and resist this.
11:38 PM – Apr 2, 2018
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