देश में हर साल 20,000 से 40,000 गर्भवती सक्रिय टीबी से ग्रसित होती हैं। हर साल टीबी के लगभग 26 लाख मामलों में लगभग एक लाख महिलाएं और लड़कियां होती हैं। टीबी देश में महिलाओं की मृत्यु का 5वां प्रमुख कारण है। 30 से 69 साल की आयु की महिलाओं में लगभग 5 फीसद मौतें टीबी से होती हैं। महिलाओं में होने वाले टीबी के यह आकड़ें किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता ने साझा किए। बताया प्रदेश में साल 2024 में कुल नोटिफाई मरीजों में 2,90,454 महिलाएं थीं।
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर के अनुसार साल 2025 में अब तक 1,58,756 टीबी मरीजों को नोटिफाई किया गया है। जिसमें 91,232 पुरुष और 67,457 महिलाएं हैं। साल 2024 में 6,82,078 टीबी मरीज नोटिफाई हुए जिसमें से 3,91,076 पुरुष और 2,90,454 महिलाएं थीं। रिपोर्ट के मुताबिक 2024 के अनुसार प्रदेश में कुल 709 गर्भवती टीबी से ग्रसित पाई गईं। जिसमें से 552 सरकारी और 157 निजी क्षेत्रों की थीं।
महिलाओं में टीबी होने के प्रमुख कारण
डॉ. सुजाता के मुताबिक महिलाओं में टीबी होने का कारण है कि अधिकांश महिलाएं एनीमिक या कुपोषित होती हैं। अभी भी कुछ परिवारों में महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती हैं इसके साथ ही सीलन और छोटे घरों में रहना हैं, जहां वेन्टिलेशन नहीं होता है या कम होता है। महिलाएं पर्दे में भी रहती हैं और अधिकांश समय घर में ही बिताती हैं। इसके साथ ही बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जो सबसे आखिर में बचा हुआ खाना ही खाती हैं अगर खत्म हो जाये तो बिना खाए ही रह जाती हैं। इसके आलावा महिलाएं रोग को लेकर गंभीर नहीं होती है। इसके अलावा उन महिलाओं में टीबी होने का खतरा ज्यादा होता है जिनकी कम उम्र में शादी हो जाती है और मां बन जाती हैं तथा बच्चे ज्यादा होते हैं।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए
नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।