मुख्यमंत्री का नवप्रयोग, डिजिटल सर्वसिद्धिप्रद: कुम्भ:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डिजिटलाइजेशन विजन को 13 अखाड़ों के साधु संतों ने भी अपना लिया है। सभी अखाड़े अपने इतिहास सहित अपने अखाड़े के साधुओं का डिजिटल डाटा बेस तैयार करने में लग गए हैं। प्रयागराज में 2019 में आयोजित दिव्य और भव्य कुंभ को पूरी दुनिया ने देखा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर महाकुंभ 2025 डिजिटल होने की दिशा में आगे बढ़ गया है। इससे पूरी दुनिया तकनीक आधारित महाकुंभ को अब घर बैठे देख सकेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हर छह वर्षों में आयोजित होने वाले कुंभ मेले (जिसे सरकार ने ‘सर्वसिद्धिप्रद: कुम्भ: का नाम दिया है) में लोगों का सबसे बड़ा जमावड़ा है, जो वैश्विक स्तर पर लोक प्रशासन का एक बड़ा उदाहरण भी है। इस वर्ष करीब 45 दिनों (13 जनवरी से 25 फरवरी) तक यह मेला चलेगा। हर बार की तरह इस बार करोड़ों लोगों के शामिल होने का अनुमान है। मेले की भव्यता को और बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के उद्देश्य से योगी सरकार का पूरे मेले को डिजिटल बनाने पर जोर है।
महाकुंभ में पहली बार एआई तकनीक, एप, चैटबॉट और गूगल नेविगेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है। मेले से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी अब ऑनलाइन उपलब्ध होगी। घाट, अखाड़े के साथ ही पूजा पाठ और प्रवचन का विवरण ऑनलाइन होगा। साथ ही गंगा आरती व पूजा के साथ ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण मेले के दौरान दी जाने वाली हर सुविधा का ऑनलाइन मूल्यांकन भी कर सकेगा। साथ ही हर शिविर की 3डी इमेज मेला वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। मेले के डिजिटलीकरण के पीछे मूल उद्देश्य इसे और अधिक सुरक्षित बनाना, इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ-साथ हर गतिविधि पर नज़र रखना व हर सुविधा को सही समय पर सही व्यक्ति तक पहुंचाना है।