बाली ज्वालामुखी (Bali Volcano) से अब भी कीचड़ रूपी गुबार निकल रहा है। जैसे मनुष्य में जब गुस्सा भर जाता है तो कभी आॅंसुओं के रूप में तो कभी भड़ास के रूप में वह निकलता है। उस समय वह सभ्यता की सारी सीमाएं पार कर जाता है। इसी तरह यह ज्वालामुखी भी अपना गुस्सा कीचड़ के रूप में निकाल रहा है।




