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Ahmedabad धमाकों के संदिग्ध को दस साल की कैद
औरंगाबाद की एक अदालत ने एक पुलिस अधिकारी की हत्या का प्रयास करने के जुर्म में दो दोषियों को 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। इनमें से एक दोषी वर्ष 2008 में Ahmedabad में हुए बम धमाकों का संदिग्ध भी है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश वी वी पाटिल ने Ahmedabad विस्फोटों में शामिल होने के संदिग्ध मोहम्मद अबरार उर्फ इस्माइल बाबू खान और खलील अखिल खिलजी उर्फ शकेर हुसैन को 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है।
दोनों की उम्र घटना के समय क्रमश: 32 साल और 20 साल थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, 26 मार्च 2012 को आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) को एक गुप्त सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित संगठन स्टूडेन्ट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का पूर्व सदस्य सरगना अबु फैजल का गिरोह शहर के हिमायत बाग इलाके में आएगा। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए एटीएस ने एक जाल बिछाया था।
आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) का कथित सदस्य अबरार और उसके तीन साथी जब यहां पहुंचे तो पुलिस टीम ने उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा। इस बीच, अबरार और उसके साथियों ने पुलिस पर गोली चला दी जिसमें एक कॉन्स्टेबल घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी गिरोह के सदस्यों पर गोली चलाई और उन्हें पकड़ लिया।
अबरार, खिलजी और दो अन्य के खिलाफ हत्या का प्रयास सहित विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बाद में अदालत में एक आरोप-पत्र दाखिल किया। अदालत में सुनवाई के दौरान 23 प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की गई। इसके बाद, अदालत ने अबरार और खिलजी को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी पाया और उनपर 15-15 हजार रूपये का जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई।
दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया। गौरतलब है कि 26 जुलाई, 2008 को 18 बम धमाकों से Ahmedabad दहल गया था जिसमें 56 लोग मारे गए थे और 150 से अधिक घायल हो गए थे। इस मामले में आईएम का सदस्य यासीन भटकल मुख्य आरोपियों में से एक था। मोहम्मद अबरार उर्फ इस्माइल बाबू खान इस मामले में एक संदिग्ध है।
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