
मानसून में बढ़ जाता है मौसमी बीमारी का खतरा
मानसून में बारिश शुरू होने के साथ ही लोगों को भीषण गर्मी की मार से जहाँ एक तरफ राहत मिली है। वहीं दूसरी तरफ उमस के चलते मौसमी बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। कोरोना काल में जरा सी लापरवाही में ये बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती है। दरअसल बरसात के मौसम में तापमान में उतार चढ़ाव होने से बैक्टीरिया का प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सीधा पड़ता है। और वह सर्दी या फ्लू का शिकार हो जाता है। इसलिए बरसात के मौसम में अपने शरीर को सुरक्षित करने के लिए अच्छे पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। ताकि शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो और वह बीमारियों से लडऩे में सफल रहे। वरिष्ठ चिकित्सक डा,राजीव बजाज के अनुसार बारिश के मौसम में मच्छरों की भरमार होने के साथ ही इनसे जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मच्छरो से फैलने वाली बीमारियों में मलेरिया, डेंगू, हैजा, टाइफोइड, हेपेटाइटिस ए आदि शामिल है।
बरसात के मौसम में मलेरिया के फैलने का खतरा अधिक होता है। बारिश के पानी से भरे रहने पर उसमे मच्छरो की प्रजनन क्रिया होती है। बचाव को भरे पानी को साफ कर मलेरिया के खतरे को रोका जा सकता हैं।
डेंगू बुखार जानलेवा माना जाता है जोकि एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इससे बचने के लिए मच्छरो को शरीर पर काटने से बचाये तथा मच्छरदानी का प्रयोग करें व पूरी बाहों के कपडे पहने।
हैजा एक जलजनित संक्रमण है जो शरीर में कलरा फैलाता है। इस रोग के होने पर दस्त व दिहाइड्रैशन की समस्या हो सकती है। बचाव के लिए हल्का गर्म पानी पीना चाहिए।
टाइफाइड बुखार दूषित भोजन व पानी से होता है। बचाव के लिए घर के आसपास स्वच्छता बनाएं और गंदगी जमा न होने दे। बीमार पडऩे पर तुरंत चिकिस्तक से संपर्क करे।
हेपेटाइटिस ए संक्रमण दूषित पानी व भोजन के कारण होता है। यह बीमारी लिवर को अधिक प्रभावित करती है। बचाव के लिए साफ सफाई से भोजन व पानी पिए।
बरसात के मौसम में पानी को उबालकर पीना उचित होता हैं और सीधे नल का पानी न पीये।
बाहर के स्ट्रीट फूड खाने के बजाय घर का बना भोजन ले।
अत्यधिक मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।
सक्रमण व बुखार से बचने के लिए अदरक, तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, इलायची की चाय बनाकर पीनी चाहिए।



