त्रिवेन्द्र सिंह रावत बने रहेंगे उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री?
देहरादून— मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार अचानक दिल्ली पहुंचे हैं। इस तरह सीएम के दिल्ली जाने के बाद एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर राजनीतिक बाजार गर्म हो गया है। हालांकि, सीएम ने अपने दौरे को रूटीन दौरा बताया है। लेकिन खबरें हैं कि नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ पर्यवेक्षक दुष्यंत गौतम और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष भी मौजूद रहे। पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट में कोर ग्रुप के सदस्यों से बातचीत के आधार पर मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनाव में जाने पर नुकसान की आशंका जताई गई है।
मंगलवार को सीएम त्रिवेंद्र के आवास पर बीजेपी विधायक दल की अहम बैठक बुलाई गई है। जिसमें सभी विधायकों से बातचीत की जाएगी और उसके बाद ही मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला लिया जाएगां सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में बैठक के नाम पर सीएम त्रिवेंद्र अपना शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश में थें लेकिन पार्टी आलाकमान ने ऐसा करने से मना कर दिया है कि दिल्ली में किसी को बुलाने की जरूरत नहीं है।
ऐसे में देहरादून में विधायकों को इकट्ठा होने को कहा गया है। जबकि बीजेपी आलाकमान बलूनी और भट्ट के नाम पर सहमति जता रहा है। इससे पहले सोमवार देर रात सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से उनके घर पर मुलाकात भी की। इस दौरान उनके साथ मुन्ना सिंह चौहान भी मौजूद रहे।
दिल्ली पहुंचने पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत आदि चुंचनगिरि महासंस्थान मठ के गुरुदेव श्रीश्री बाल गंगाधरनाथ महास्वामी से मिलने पहुंचें। सीएम यहां ऋषिकेश में मुक्त विश्वविद्यालय की चर्चा करने के लिए पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि श्रीश्री बाल गंगाधरनाथ महास्वामी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के भी बेहद करीबी हैं।
केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने भी ली थी मीटिंग। आपको बता दें कि दो दिन पहले शनिवार को ही केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का प्रदेश दौरा था। उन्होंने एकाएक बैठक बुलाई थी, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, प्रभारी सभी लोग मौजूद थे। इस बैठक के कारण सीएम और अन्य लोगों को गैरसैंण सत्र बीच में ही छोड़कर आना पड़ा था।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड भेजे गए ऑब्जर्वरों ने शनिवार को हुई बैठक और अपने स्तर पर लिए गये रिव्यू के बाद बीजेपी आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। जिस पर निर्णय लिया जाएगा। केंद्रीय पर्यवेक्षकों के इस दौरे के बाद विधायकों की परेड से लेकर मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी को लेकर कई तरह की अटकलें सामने आई थीं।
यही नहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बाद नेतृत्व परिवर्तन की भी जबरदस्त आशंका जताई जा रही थी। खबर है कि राज्यमंत्री धन सिंह रावत, मंत्री तपाल महाराज, सांसद अजय भट्ट और अनिल बलूनी दिल्ली में मौजूद हैं और मुख्यमंत्री पद के संभावित भी हैं।
जेएनएन9 का मानना है कि फिलहाल उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ही बने रहेंगे इसमें संशय है। विरोध अपनी जगह रहेगा और त्रिवेन्द्र सिंह रावत अपनी जगह। वैसे भी भाजपा नेतृत्व किसी भी प्रकार के विरोध/विद्रोह को गले नहीं लगाता है।



