
आज के दिन मनाया जाता है सीता जन्मोत्सव
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी गुरुवार को सीता नवमी (सीता जन्मोत्सव) मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां सीता का जन्म हुआ था। इस दिन विधि-विधान से मां सीता और भगवान राम की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के अनुसार 20 मई को सूर्योदय 5 बजकर 21 मिनट पर और अष्टमी तिथि का मान सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक पश्चात नवमी है। इसी दिन माता सीता की उत्पत्ति मध्यान काल मे हुई थी।
सीता नवमी का महत्व
ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन के अनुसार, इस दिन मां सीता का जन्म हुआ था। मां सीता अपने त्याग और समर्पण के लिए पूजनीय है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही इस व्रत से समस्याओं का समाधान होता है और व्रती की सभी मनोकामनाओं पूर्ण होती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सुहाग की वस्तुएं दान करने से व्रती को कन्यादान के समान फल प्राप्त होता है।
पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, इस दिन सुबह उठकर स्नान के बाद घर के मंदिर की सफाई करें। देवी और देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें। सीताजी का ध्यान करें। यदि व्रत रख सकें तो उत्तम अन्यथा केवल पूजा ही संपन्न करें। मां सीता और श्रीरामचंद्र, हनुमान सहित रामपरिवार की उपासना करें। श्रीराम और मां सीताजी को सात्विक वस्तुए व नैवेद्य अर्पण करें। यदि पुत्र प्राप्ति की आकांक्षा हो तो सीता स्त्रोत्र का पाठ भी करें।