
कौन हैं मणिपुर घटना के 4 गुनहगार? जिनपर 77 दिन बाद हुआ एक्शन
मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसा जारी है और हालात हर दिन के साथ बिगड़ते जा रहे हैं। इस बीच एक वायरल वीडियो ने चीज़ों को और भी मुश्किल कर दिया जो ग्राउंड रियलटी बताता है. मणिपुर के वायरल वीडियो केस में देशभर में हुए बवाल के बाद अबतक 4 गिरफ्तारी हो चुकी हैं, अन्य लोगों की तलाश की जा रही है राज्य सरकार भरोसा दिला रही है कि आरोपियों पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। लेकिन मामले में 2 महीने की लापरवाही तमाम सवाल खड़े कर रही है।
वायरल वीडियो मामले में पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें उस भीड़ को दिशा-निर्देश देने वाले लोग भी शामिल हैं। इसमें हुरयम हेरादास सिंह (32 साल) जो कि हरी टी-शर्ट पहने वायरल वीडियो में दिख रहा है। उसको गिरफ्तार किया गया है. हेरादास जो कि राज्य के थाउबल इलाके का रहने वाला है, वह भीड़ को लीड करता हुआ दिख रहा था।
इसके अलावा तीन अन्य आरोपियों को भी अरेस्ट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनका नाम अरुण सिंह, जीवन इलांगबाम और तोम्बा सिंह हैं. रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि गांव पर हमला करने वाला ग्रुप मैतइ समुदाय से जुड़ा था। जबकि महिलाएं कुकी-नगा समुदाय से थीं। पुलिस ने इस बारे में अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। 4 मई को हुई इस घटना के करीब 77 दिन बाद इस मामले में कोई गिरफ्तारी हुई है। वो भी तब जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इतना बवाल हुआ। ये मामला नांगपोक सेकमई पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था, यहां गैंगरेप और किडनैपिंग के तहत दर्ज हुए मामले में कुल 4 लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है।
वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी की थी, इसी दौरान हुरयम को पकड़ा गया। जब गांव में हुरयम के होने के पता लग तो स्थानीय लोगों ने उसके घर को आग लगा दी. अगर चार आरोपियों की बात करें तो मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने इस कृत्य को जघन्य अपराध बताया है और इन सभी को मौत की सजा देने की अपील की है।
मणिपुर का वायरल वीडियो और देश में गुस्सा
देश के इस पहाड़ी राज्य में 4 मई को हिंसा शुरू हुई थी। यह घटना भी उसी दिन की है जिस पर अब करीब ढाई महीने बाद बवाल हो रहा है। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में एक समुदाय के लोगों ने पूरे गांव पर हमला बोल दिया था। इसी दौरान दो महिलाएं कुल 5 लोगों समेत वहां से भागी थीं। उग्र भीड़ ने इन सभी को गांव के बाहर दबोच लिया था, इनमें पुरुषों की हत्या कर दी गई और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया।