
आसमान पर सब्जियों की कीमतें, फिर भी किसानों को नहीं मिल रहा फायदा
जो टमाटर अभी 120 से 160 रुपये किलो बिक रहा है। वह दो महीने पहले कौड़ियों के भाव में मिल रहा था। कीमत इतनी नीचे गिर गई थी कि टमाटर उत्पादक किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे थे। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में किसानों ने मजबूर होकर कई क्विंटल टमाटर सड़क किनारे फेंक दिया था, क्योंकि व्यापारी किसानों से 2 से 3 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे थे।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में प्याज व टमाटर बेचने वाले कई किसानों को ट्रांसपोर्ट किराया और लेबर चार्ज जोड़ने के बाद अपने जेब से ही व्यापारियों को पैसे देने पड़े थे. वहीं अब टमाटर आम और केला से भी महंगा हो गया है। दिल्ली सहित कई राज्यों में टमाटर 120 से 160 किलो बिक रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मार्केट में रेट इतना महंगा होने के बाद भी टमाटर उत्पादक किसानों को उचित फायदा मिल रहा है या यहीं. या फिर बिचौलिए ही इस महंगाई का पूरा लाभ उठा रहे हैं।
बिचौलिए कर रहे जमकर कमाई
एमएसपी कमेटी के सदस्य बिनोद आनंद का कहना है कि भले ही सब्जियां महंगी होने से आम जनता परेशान है। लेकिन इसका सीधा फायदा किसानों को नहीं मिल पा रहा है। देश के तमाम हिस्सों से महंगी सब्जियां राजधानी दिल्ली के साथ- साथ सभी मेट्रोपॉलिटन सिटीज में पहुंच रही हैं। लेकिन इसमें बिचौलिए ही कमाई कर रहे हैं। किसानों को इन महंगी सब्जियों का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। देश के तमाम हिस्सों में बिचौलिए की ही कमाई बढ़ रही है। साथ में व्यापारी भी कमाई कर रहे है।
किसानों को नहीं मिल रहा पूरा फायदा
एमएसपी कमेटी के सदस्य बिनोद आनंद के मुताबिक, किसान तो शुरू में ही अपनी फसल बेच देते हैं। खास कर टमाटर एक नगदी फसल है। इसे एक हफ्ते भी स्टोर कर के नहीं रख रखते हैं। अभी दिल्ली- एनसीआर में उत्तराखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक से टमाटर की आवक हो रही है। इन राज्यों के किसानों से व्यापारी 20 से 30 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे हैं। जबकि, इसी टमाटर को ट्रांसपोर्टिंग चार्ज और लेबर चार्ज जोड़कर 120 से 160 रुपये किलो बेच रहे हैं।
व्यापारी 11 से 16 रुपये किलो ही खरीद रहे आलू और प्याज
वहीं, नासिक के किसान सोमनाथ पाटिल बताते हैं कि प्याज तो बारिश के चलते पहले ही बर्बाद हो गई। जो बची थी उसे हमने 4 से 9 रुपये किलो में बेच दिया। सबसे बेहतरीन क्वालिटी की प्याज को 11 रुपये 50 पैसे किलो बेच दी।
अब बिचौलिए और बड़े व्यापारी ही बाजार का खेल बिगाड़ रहे हैं। इसका फायदा हम किसानों को कभी नहीं मिलता है। कुछ ही किसान हैं जिनके पास प्याज और आलू का कोल्ड स्टोर में स्टॉक है। लेकिन वे भी उतना फायदा नहीं कमा पा रहे है। उनसे भी व्यापारी 11 से 16 रुपये किलो ही खरीद रहे हैं और मार्केट में 25 से 30 रुपये किलो बेच रहे हैं।
ये सब्जियां हो गईं महंगी
बता दें कि महंगाई ने पूरे देश में गरीब जनता का बजट बिगाड़ दिया है। टमाटर के साथ- साथ हरी मिर्च, लौकी, भिंडी, आलू, प्याज, परवल, शिमला मिर्च, फूलगोभी और पत्तागोभी सहित सभी तरह की हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं।