उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में कल्याण पत्रिका के आदि सम्पादक भाईजी श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार की 131वीं जयन्ती पर आयोजित संगोष्ठी में सम्मिलित हुए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गीता वाटिका, गीताप्रेस, गोरखपुर में गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित होने वाली सुविख्यात कल्याण पत्रिका के आदि सम्पादक तथा गीताप्रेस के आजीवन ट्रस्टी भाईजी श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार की 131वीं जयन्ती पर ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘जीवन एवं अवदान’ विषयक संगोष्ठी में सम्मिलित होकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित गीताप्रेस के न्यासीगण एवं श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए प्रदेशवासियों की ओर से भाईजी श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार की जयन्ती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि भाईजी ने अपना सम्पूर्ण जीवन भक्ति, वैराग्य और भारत की आध्यात्मिक शक्ति के उत्थान में लगाया। गीताप्रेस के संस्थापक जयदयाल गोयनन्दका के सान्निध्य में रहकर उन्होंने साहित्य साधना द्वारा भारत की आध्यात्मिक सेवा की, जो अभिनन्दनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईजी द्वारा सम्पादित कल्याण पत्रिका भारतीय संस्कृति को मानने वाले सभी लोगों के मन में बसी है। भाईजी श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार ने कल्याण पत्रिका में भारत के आध्यात्मिक और वैदिक साहित्य का समावेश करके इसे समाज और परिवार के अनुकूल बनाकर आमजन को सुलभ कराया। उन्होंने गीता वाटिका के महान संत राधा बाबा के सान्निध्य में रहकर भारत के आध्यात्मिक एवं वैदिक साहित्य को घर-घर तक पहुंचाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईजी का व्यक्तित्व विराट था। भाईजी आध्यात्मिक सेवक के साथ स्वतंत्रता सेनानी, क्रान्तिकारियों के सहयोगी, देश के नेतृत्वकर्ताओं से संवाद रखने वाले, आपदा में सहयोग के लिए अग्रणी रहने वाले मुख्य सहयोगकर्ता तथा भारत के मान बिन्दुओं की पुनर्स्थापना से भी जुड़े थे। एक व्यक्ति में इतनी सारी योग्यता का होना सामान्यजन के लिए आश्चर्य की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईजी ने सम्पूर्ण समर्पण भाव से भारतीयों के कल्याण एवं भारतीयता के हित में कार्य किया। वे सभी से संवाद के माध्यम से देश हित एवं सनातन धर्म के हित में कार्य करते रहे। देश की आजादी के लड़ाई में वे जेल भी गए, उनका साहित्य जब्त किया गया, लेकिन उन्होंने इन परिस्थतियों का सामना किया और सभी के सहयोगी भी बने रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय भाईजी का व्यक्तित्व भारत की भक्ति की उस शक्ति पर आधारित है, जो इस धरती ने कभी गुरु गोविन्द सिंह के रूप में, कभी छत्रपति शिवाजी के रूप में, कभी महाराणा प्रताप के रूप में सदैव दी है। मध्यकाल में हुए बड़े क्रान्तिकारी व योद्धा किसी न किसी रूप में भक्ति से ही शक्ति प्राप्त करते थे। इसी से ही आगे बढ़कर शक्ति का पुंज बनकर वे राष्ट्र के नेतृत्वकर्ता बने। राष्ट्र के नेतृत्वकर्ता के रूप में उस कालखण्ड में उनका बलिदान देश के लिए प्रेरणा बना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय भाईजी ने गीता प्रेस में सम्पादक के रूप में साहित्य की सेवा की और कल्याण पत्रिका के प्रकाशन द्वारा इस सेवा को निरन्तर आगे बढ़ाया। श्रद्धेय भाईजी किसी भी समाज व पंथ के संकट के समय बिना भेदभाव के सहयोग करते थे। इन सबके बावजूद वह अपनी आध्यात्मिकता व सनातन के प्रति सचेत रहते थे। उस कालखण्ड में कल्याण पत्रिका के सम्पादक के रूप में उनका महान व्यक्तित्व था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का वर्तमान नेतृत्व देशवासियों के कल्याण के साथ ही भारत के मान बिन्दुओं की पुनर्स्थापना के सदियों से प्रतीक्षारत कार्य को आगे बढ़ा रहा है। अयोध्या में श्रीराम मन्दिर का भव्य निर्माण, काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम का कार्य, प्रयागराज कुम्भ का स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था के मानक के रूप में भव्य और दिव्य आयोजन आदि कार्यों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाया जा रहा है। नये भारत में आज देश की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म ने कभी भी किसी प्राणी, जीव-जन्तु के अस्तित्व का विरोध नहीं किया, बल्कि उनके उत्कर्ष, उत्थान और संरक्षण की बात की है। सभी धर्म व जाति को सनातन धर्म ने संकट के समय संरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र नागरिक के रूप में हर भारतीय को सजग रहना पड़ेगा कि देश की उन्नति और उसके सर्वांगीण विकास को कैसे आगे बढ़ाया जाए। भारत आज एक नयी यात्रा पर है। यह देश की 140 करोड़ जनता के साथ पूरी मानवता के कल्याण के लिए आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जीवन की कुछ प्राथमिकताएं होनी चाहिए। देश के प्रति समर्पण का भाव होना चाहिए। हमारे लिए देश सर्वोपरि होना चाहिए, उसके बाद धर्म, समाज और अंत में परिवार होना चाहिए। भाईजी का जीवन भी इसी संकल्प पर आधारित था। उन्होंने कहा कि जब देशहित प्रथम वरीयता होगा और परिवार हित अन्तिम वरीयता होगी, तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुसार भारत वर्ष 2047 में जब देश की स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष मनाएगा, तब वह एक विकसित राष्ट्र होगा।

इस अवसर पर राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के महानिदेशक श्री बी0आर0 मणि, हरियाणा साहित्य संस्कृति अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो0 कुलदीप चन्द अग्निहोत्री, अखिल भारतीय इतिहास संकलन राष्ट्रीय संगठन के सचिव डॉ0 बालमुकुन्द पाण्डेय, निदेशक शोध एवं प्रशासन, भारतीय इतिहास शोध अनुसंधान परिषद डॉ0 ओम उपाध्याय सहित अन्य महानुभाव उपस्थित थे।

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

mahjong slot

spaceman slot

https://www.saymynail.com/

slot bet 200

slot garansi kekalahan 100

rtp slot

Slot bet 100

slot 10 ribu

slot starlight princess

https://moolchandkidneyhospital.com/

situs slot777

slot starlight princes

slot thailand resmi

slot starlight princess

slot starlight princess

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

ceriabet

ceriabet

ceriabet

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

slot starlight princess

ibcbet

sbobet

roulette

baccarat online

sicbo