बेंगलुरु। बहुप्रतीक्षित एक्सिओम-04 मिशन के प्रक्षेपण की तारीख एक बार फिर आगे बढ़ा दी गयी है । प्रक्षेपण तैयारियों के दौरान तकनीकि विसंगतियों का पता चलने के बाद 11 जून को प्रस्तावित प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को यहां बताया कि प्रक्षेपण से पहले प्रोटोकॉल के तहत इसके प्रदर्शन को सफल करने के लिए ‘लॉन्च पैड’ पर फाल्कन 9 प्रक्षेपण वाहन के बूस्टर चरण का सात सेकंड का ‘हॉट टेस्ट’ किया गया।
इस महत्वपूर्ण परीक्षण के दौरान इंजीनियरों ने रॉकेट के प्रोपल्शन में लिक्विड ऑक्सीजन (एलओएक्स) के रिसाव का पता लगाया। इसरो के अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष आयोग के प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने कहा, “इसरो, एक्सिओम और स्पेसएक्स विशेषज्ञों के बीच विचार-विमर्श के आधार पर प्रक्षेपण के लिए आगे बढ़ने से पहले एलओएक्स रिसाव ठीक करने और फिर उसके अतिरिक्त सत्यापन करने का निर्णय लिया गया है।” उन्होंने कहा कि इसे ठीक करने के बाद मिशन की नयी तारीख की घोषणा की जाएगी।
गौरतलब है कि एक्सिओम-04 मिशन ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन है। गगनयात्री भारतीय वायु सेना के अनुभवी पायलट ग्रुप कैप्टन प्रशांत शुक्ला पिछले एक साल से इस बाबत ह्यूस्टन में गहन प्रशिक्षण ले रहे हैं।
यह मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में इसलिए भी बड़ी उपलब्धि है क्योंकि शुक्ला चार दशको के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनेंगे। स्क्वाड्रन लीडर एवं पूर्व भारतीय वायु सेना अधिकारी राकेश शर्मा देश के पहले अंतरिक्ष यात्री थे। उन्होंने वर्ष 1984 में सोवियत इंटरकोसमोस कार्यक्रम के तहत सोयुज T-11 में उड़ान भरी थी, जो भारत और रूस के बीच एक संयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम था।
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