
राज्यपाल की अध्यक्षता में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज का सातवां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज प्रयागराज में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय का सातवां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने कुल 115,827 उपाधियाँ प्रदान की। 49 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण, 52 को रजत और 55 को कांस्य पदक प्रदान किए गए। पदक प्राप्त करने वालों में 71 प्रतिशत छात्राएं शामिल रहीं। सभी उपाधियों को डिजीलॉकर पर अपलोड किया गया।
इस अवसर पर कुलाधिपति ने पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि बेटियों द्वारा की जा रही मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि बेटियाँ, बेटों से आगे निकल रही है।
राज्यपाल ने उपाधि/पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई, व संस्कार में माँ की अहम भूमिका होती है। अतः माताओं का सम्मान सदैव करना चाहिए। उन्होंने सभी मेधावियों का आह्वान करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक उपाधि है, यदि आप अच्छा कार्य नहीं करते हैं तो यह डिग्री सिर्फ दीवार में टंगी रहेगी।
इसलिए डिग्री के साथ-साथ अच्छे संस्कार और अच्छा कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को जीवन के हर क्षेत्र में निरंतर बनाए रखें। उन्होंने कहा कि गतिशील वैश्विक परिदृश्य में विद्यार्थियों को सचेत और जागरूक रहते हुए अपना स्थान बनाना है तथा बेहतर समाज और देश के निर्माण में भी योगदान देना है।
राज्यपाल ने भारत सरकार केे बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ का बजट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को ‘ए प्लस प्लस‘ लाने के लिए सक्रिय रूप से मेहनत किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने केन्द्र सरकार की योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि युवाओं के रोजगार हेतु सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने का आह्वान किया।
समारोह में राज्यपाल ने जनपद फतेहपुर हेतु 250 आंगनबाड़ी किट का वितरण किया। इनमें से 100 किट विश्वविद्यालय द्वारा और 150 किट जिला प्रशासन, फतेहपुर द्वारा प्रदान की गईं। इसके अलावा, प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं को मिष्ठान, फल और पुस्तकें उपहार स्वरूप प्रदान की गईं।
राजभवन की ओर से स्कूली बच्चों हेतु पुस्तकें भी विद्यालय के शिक्षकों को प्रदान की गईं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गावों में भाषण, कहानी लेखन, चित्रकला व आयोजित विविध प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी विजेताओं को राज्यपाल जी द्वारा पुरस्कार व प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
समारोह में राष्ट्रीय खेल में पदक विजेता खिलाड़ियों को राज्यपाल जी द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कुलाधिपति जी ने पौधरोपण का आह्वान करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर समारोह में मुख्य अतिथि इसरो के पूर्व अध्यक्ष श्री ए.एस. किरन ने कहा कि आज विज्ञान के क्षेत्र में भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब चंद्रयान चंद्रमा पर पहुंच रहा था तो पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही थी। उन्होंने कहा कि हमारा दृढ़ संकल्प, हमारी सांस्कृतिक, धार्मिक परम्परा एवं ज्ञान के आधार पर भारत को फिर से विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित करेगा।