ऋण माफी अधिसूचना में देरी को लेकर पंजाब के किसान निराश
चंडीगढ़। किसानों के सात संगठनों ने किसान कर्ज माफी पर अधिसूचना जारी नहीं करने को लेकर पंजाब सरकार से निराशा व्यक्त की। संगठनों ने यह भी कहा कि वे 22 सितम्बर को पटियाला के मोती बाग स्थित मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के निजी आवास के बाहर धरना भी देंगे। तीन सदस्यीय कैबिनेट उप समिति ने सात किसान संगठनों के साथ बैठक की और किसान ऋण माफी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा की। कैबिनेट उप समिति में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा शामिल थे।
भारतीय किसान यूनियन (दकोंदा) अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जवाला ने कहा, ‘‘हम कैबिनेट उप समिति के सदस्यों से निराश हैं क्योंकि राज्य सरकार ने किसान कर्ज माफी पर अधिसूचना जारी नहीं की जो कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का प्रमुख वादा था।’’ किसानों ने कहा कि कैबिनेट उप समिति की बैठक का एजेंडा किसान कर्ज माफी था। किसानों ने पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में कर्ज के बोझ से दबे कुछ किसानों द्वारा कथित रूप से आत्महत्या करने के बावजूद किसान ऋण माफी पर कदम उठाने में असफल रहने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया।
बुर्जवाला ने कहा, ‘‘हम ऋण माफी की अधिसूचना की मांग कर रहे हैं। लेकिन हमें उप समिति द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार ऋण माफी के लिए जरूरी राशि 10 हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था करने की अभी भी प्रक्रिया में है। हमें बताया गया कि सरकार को इसमें और थोड़ा समय लगेगा।’’ किसानों ने तब उप समिति से अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की जब सात किसान संगठनों को बताया गया कि अधिसूचना गुरूदासपुर लोकसभा उप चुनाव के बाद ही जारी की जा सकती है जो 11 अक्तूबर को होगा।