उत्तर प्रदेश में निवेशकर्ताओं के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए, पूरे राज्य में 78,000 एकड़ लैंड बैंक बनाने की तैयारी है। इसके लिए प्रमुख रणनीतियों में आईडीए की भूमि (आवंटन के लिए तैयार और अधिग्रहण के अधीन) का उपयोग करना, बीमार इकाइयों से भूमि का उपयोग करना, कम उपयोग वाली विभागीय भूमि का अधिग्रहण करने के साथ-साथ जिलाधिकारियों और प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को लक्ष्य आवंटित करना शामिल होगा।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख निवेश परियोजनाओं की गहन समीक्षा की, जिसमें आगामी ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह (जीबीसी) के लिए उनकी प्रगति का आकलन किया गया। लोक भवन में मंगलवार को आयोजित बैठक में इन्वेस्ट यूपी, संबद्ध विभागों और डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों ने भौतिक और वर्चुअल रूप से एक साथ मिलकर उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के अनुरूप निवेश में तेजी लाने के लिए एक साथ आए, जिसमें आईआईडीडी का 5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य भी शामिल है।
बैठक में विभागों के लिए विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत कम से कम 10 एंकर इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया और संबंधित स्टेकहोल्डर्स को जीबीसी में पात्र परियोजनाओं को शामिल करने में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि वे इन्वेस्ट यूपी और आरएसएसी-यूपी के समन्वय में पीएम गति शक्ति पोर्टल पर डेटा को नियमित रूप से अपडेट करें। यह भी कहा कि निर्बाध परियोजना नियोजन और निष्पादन में गैप एनालिसिस के लिए विभागों द्वारा पोर्टल का सक्रिय रूप से उपयोग किया जाये।
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