प्रताप बाजवा ने सीएम मान से पूछा- जब सर्वे टीम पंजाब आएगी तो क्या करेंगे
नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भी सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को कड़ा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री के ट्वीट के जवाब में बाजवा ने लिखा- ‘महाराजा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जब एसवाईएल के सर्वे के लिए टीम पंजाब आएगी तो सबसे पहले इस पर अपनी पार्टी और सरकार का रुख स्पष्ट करें।
क्या आप उस सर्वेक्षण को रोकने में मदद करेंगे और बताएंगे कि आपकी कानूनी टीम ने पानी पर सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के मामले को कमजोर क्यों किया?बाजवा ने लिखा कि आपके गांव के लोग चर्चा करते हैं कि जब आप खाल पर ड्यूटी करते थे तो अक्सर लोग आपको खेत से उठाकर शाम को घर छोड़कर आते थे।
बाजवा ने लिखा कि देखना कहीं अब फिर उसी तरह पंजाब का पानी आपकी नाक के नीचे से हरियाणा में न चला जाए जैसे पड़ोसी आपके पानी की बारी खुद ले जाते थे।
बाजवा ने तल्ख लहजे में लिखा कि भगवंत शाह, अगर आपमें थोड़ी भी शर्म होती तो आप पंजाब छोड़कर अपने आका के ड्राइवर नहीं बनते और पंजाब के विमान को हर दिन दूसरे राज्यों में नहीं ले जाते। क्या यह पंजाब के खजाने की लूट नहीं है? पंजाब आपके जवाब का इंतजार कर रहा है।
मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र मिटाने की परिपाटी शुरू: बाजवा
बाजवा ने बुधवार को विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को पत्र लिखा और विधानसभा सत्र के बदलते तौर-तरीकों पर चिंता जताई है। उन्होंने लिखा है कि वह मौजूदा आप सरकार के दौरान पिछले करीब दो साल से विधानसभा सत्र बार-बार छोटी अवधि के लिए बुलाए जाने से चिंतित हैं।
सत्र के लिए जारी नोटिस ने हमारी सामूहिक स्मृति से मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र जैसे नियमित रूप से आयोजित सत्रों के महत्व को प्रभावी ढंग से मिटा दिया है। बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री विपक्ष के सदस्यों के बारे में अभद्र भाषा का बेरोकटोक इस्तेमाल करते हैं, जो धक्केशाही के समान है।
बहस के आयोजन से टैगोर थियेटर प्रबंधन का इन्कार
चंडीगढ़ के जाने-माने टैगोर थियेटर प्रबंधन ने एक नवंबर को राजनीतिक बहस कराने के लिए थियेटर किराए पर देने से इन्कार कर दिया है। राज्य सरकार ने चंडीगढ़ में टैगोर थियेटर प्रबंधन से एक नवंबर को स्थान मांगा था।
यूटी चंडीगढ़ के सांस्कृतिक मामलों के सचिव सौरभ अरोड़ा ने बुधवार को बताया कि नियमों के मुताबिक टैगोर थियेटर में राजनीतिक बहस नहीं कराई जा सकती। इसका उद्देश्य कला और संस्कृति को बढ़ावा देना है।



