
पाकिस्तान ने संघर्ष विराम खत्म होने के बाद हमले किए: अफगानिस्तान
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना ने दो दिनों के अस्थायी संघर्ष विराम के समाप्त होने के महज कुछ घंटों बाद दक्षिण-पूर्वी अफगानिस्तान के क्षेत्रों में हवाई हमले किए। यह खुलासा एक अफगान पुलिस अधिकारी ने किया है।
पुलिस के प्रवक्ता मोहम्मद इस्माइल माविया ने बताया कि ये हमले पक्तिका प्रांत के बरमल और ऊरगुन जिलों सहित पाकिस्तान सीमा से लगे दो अन्य इलाकों में हुए। इनमें खानदार गांव में एक साधारण नागरिक के आवास पर निशाना साधा गया। प्रवक्ता के अनुसार, इन घटनाओं में कई निर्दोष लोगों को गंभीर चोटें आईं या उनकी जान चली गई
अफगानिस्तान के इस आरोप पर पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। बुधवार को प्रभावी हुआ यह 48 घंटे का संघर्ष विराम कई दिनों से चले आ रहे सीमा संघर्ष को थामने में सफल रहा था, जिसमें दोनों पक्षों से दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए थे, जबकि सैकड़ों अन्य घायल हुए। हालांकि, शुक्रवार शाम को यह विराम समाप्त हो गया।
फिर भी, दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए राजनयिक कूटनीति जारी है। कतर ने शांति वार्ता के लिए मेजबानी की पेशकश की है, जिसके तहत दोहा में उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित हो सकती हैं।
इन हमलों से ठीक पहले, पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया था कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े एक आत्मघाती वाहन हमलावर ने सीमा के निकट सुरक्षा चौकियों पर धावा बोला, जिसमें कई जवान शहीद हो गए। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मीर अली शहर में हुई इस घटना के बाद भारी गोलीबारी भी हुई, जिसमें कम से कम छह उग्रवादी और एक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।
पाकिस्तान टीटीपी को एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन मानता है, जो अफगान तालिबान से अलग लेकिन उसके साथ जुड़ा हुआ है। इस्लामाबाद के अनुसार, यह समूह अफगानिस्तान में स्थित अपने अड्डों से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाइयां चला रहा है। स्थानीय पुलिस अधिकारी इरफान अली ने पुष्टि की कि मीर अली हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर के नेतृत्व वाले टीटीपी गुट ने ली है।
दूसरी ओर, काबुल में तालिबान सरकार के प्रमुख प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि एक तालिबानी प्रतिनिधि मंडल कतर रवाना होने की तैयारी में है। उन्होंने जोर देकर कहा, “अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात की नीति हमेशा स्पष्ट रही है: हम पाकिस्तान या किसी अन्य देश के साथ युद्ध की इच्छा नहीं रखते।
पाकिस्तान के सरकारी मीडिया ने शुक्रवार रात खबर चलाई कि एक वरिष्ठ पाकिस्तानी प्रतिनिधि दल शनिवार को कतर में अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए प्रस्थान करेगा, हालांकि विवरण साझा नहीं किए गए। इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने पत्रकारों से कहा कि वे अफगानिस्तान के साथ किसी संभावित चर्चा पर टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन यदि ऐसी वार्ता होती है तो मंत्रालय आधिकारिक बयान जारी करेगा।
खान ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान काबुल से अपेक्षा करता है कि वह अफगान मिट्टी का उपयोग किसी भी हमले के लिए न होने दे। साथ ही, हालिया पाकिस्तानी कार्रवाइयां केवल आतंकवादियों के ठिकानों को लक्षित करने के उद्देश्य से की गईं।
जनवरी 2025 से पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में उछाल आया है, जिनकी जिम्मेदारी टीटीपी पर डाली जा रही है। इन हमलों ने इस्लामाबाद और काबुल के बीच संबंधों को और अधिक नाजुक बना दिया है। पाकिस्तान का मानना है कि टीटीपी को अफगानिस्तान में शरण मिली हुई है।