नीति आयोग के उत्कृष्ट नवाचारां में उ0प्र0 शासन का ऑपरेशन कायाकल्प भी शामिल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र रामगढ़ताल, जनपद गोरखपुर में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य शिक्षक पुरस्कार हेतु चयनित बेसिक शिक्षा तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के 54 शिक्षकां को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि आज देश के द्वितीय राष्ट्रपति, महान शिक्षक एवं दार्शनिक डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पावन जयन्ती है। स्वतंत्र भारत में इस दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह गुरु परम्परा के सम्मान का दिवस है। जिन शिक्षकों ने अपने उत्कृष्ट कार्यों से उत्तर प्रदेश में बेसिक व माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ाने में अपना योगदान दिया है, उन्हें आज यहां सम्मानित किया गया है। ऐसे सभी शिक्षक जो प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से आए हैं, वह बधाई के पात्र हैं।
डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की शिक्षक एवं दार्शनिक के रूप में सेवाओं के लिये भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। भारतीय दर्शन पर लिखी उनकी पुस्तक भारत के शास्त्रों को बड़ी मर्मज्ञता व सरलता से हम सबके सम्मुख प्रस्तुत करती है। उनके इस योगदान के कारण स्वतंत्र भारत में उनके जन्म दिवस को शिक्षकों के सम्मान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत गुरु परम्परा को सम्मान देने वाला देश है। संत कबीर ने गुरु को ईश्वर से भी बड़ा बताया, क्यांकि गुरु ही हमें ईश्वर तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। हमें गुरु को भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश के समतुल्य रखकर इस परम्परा के प्रति श्रद्धा का भाव रखना चाहिए, क्यांकि बिना श्रद्धा के ज्ञान नहीं आ सकता है। श्रद्धावान ही ज्ञानवान हो सकता है। जो ज्ञानी नहीं हो सकता, वह जीवन में कुछ भी प्राप्त नही कर सकता है। केवल डिग्री लेने से ज्ञान नही आता है। श्रद्धावान बनने के लिये हमें परिश्रम और साधना भी करनी पड़ती है तथा कठिन मार्गों से चलना होता है। हथौड़े की मार सहकर ही एक मूर्ति स्वरूप में आती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साधना का मार्ग कठिन होता है, लेकिन सर्वोत्तम भी होता है। साधना से तपा हुआ जो भी कार्य होगा, उसके परिणाम भी अच्छे होंगे। आज बेसिक शिक्षा परिषद के 41 शिक्षकों को सम्मानित किया गया है, जो प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से सम्बन्धित है। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा के 11 और वित्त पोषित विद्यालयों के 02 शिक्षकों का भी सम्मान किया गया है।