
विपक्ष के हाथ नया मुद्दा, विपक्षी दलों का मानना- सीएम और मंत्री ने दिए थे पंचायतें भंग करने के आदेश
पंजाब सरकार द्वारा पंचायतें भंग करने के फैसले को वापस लेने के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को निशाना बनाया है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह फैसला मुख्यमंत्री और मंत्री के निर्देश पर लिया गया था, इसलिए उन्हें भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने मुख्यमंत्री और मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि यह फैसला पंजाब की जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्री को पंजाबियों से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा ने भी मुख्यमंत्री और मंत्री पर कड़ी निंदा की है। भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए और पंजाबियों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि पंचायतें भंग करने का फैसला किसका था।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह फैसला शर्मनाक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है।
पंजाब सरकार ने पंचायतें भंग करने के फैसले को वापस लेने के लिए दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि यह सिर्फ एक दिखावा है। उनका कहना है कि वास्तव में मुख्यमंत्री और मंत्री ही जिम्मेदार हैं।