पंजाब

कनाडा की आंतरिक रिपोर्ट में खालिस्तान 5वां बड़ा आतंकी खतरा, इसके बावजूद वोट के लिए खालिस्तानियों की गोद में बैठे ट्रूडो

2018 में कनाडा में आई पब्लिक रिपोर्ट आन टैरेरिस्ट थ्रैट टू कनाडा में साफ तौर पर लिखा गया था कि सिख कट्टरपंथी कनाडा में आतंकवाद का पांचवां बड़ा खतरा है और इनके कारण कनाडा की कानून-व्यवस्था भंग हो सकती है। इस सरकारी रिपोर्ट में बब्बर खालसा इंटरनैशनल और इंटरैनशनल सिख यूथ फैडरेशन का बकायदा जिक्र किया गया था और इन्हें क्रिमिनल कोड के मुताबिक आतंकी संगठन बताया गया था

लेकिन अपनी सरकार की इस रिपोर्ट को नजरअंदाज करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो महज सिख वोट की खातिर न सिर्फ भारत से संबंधों को बिगाड़ रहे हैं, बल्कि अपने ही देश के लिए खतरा भी उत्पन्न कर रहे हैं। दरअसल ट्रूडो का यह प्रो खालिस्तानी स्टैंड राजनीतिक रूप से उनके साथ-साथ खालिस्तानियों के लिए भी फायदे का सौदा साबित हो रहा है।

दरअसल 2021 में आए कनाडा के फैडरल चुनाव के नतीजों में जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को 157 सीटें हासिल हुई थीं और कनाडा की संसद में बहुमत साबित करने के लिए 170 सीटों का आंकड़ा जरूरी है। इस जरूरी आंकड़े को पूरा करने के लिए जस्टिन ट्रूडो को जगमीत सिंह की अगुवाई वाली एन.डी.पी. ने समर्थन दिया है और ट्रूडो की सरकार एन.डी.पी. की बैसाखियों पर टिकी हुई है। एन.डी.पी. के कुल 25 सांसद हैं। बदले में एन.डी.पी. के प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर दबाव डाल कर अपना एजैंडा लागू करने में लगे हुए हैं।

जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानियों के प्रभाव में इसलिए भी हैं क्योंकि पिछले चुनाव में लिबरल पार्टी की टिकट पर 12 सिख सांसद चुने गए हैं और ये सारे सांसद कनाडा के उन इलाकों में से हैं, जहां पर सिख आबादी बहुमत में है। 2021 के चुनाव में कनाडा में भारतीय मूल के 17 सांसद चुने गए थे, इनमें से 2 सांसद कंजर्वेटिव पार्टी के थे, जबकि 14 सांसद लिबरल और 1 सांसद एन.डी.पी. की टिकट पर चुना गया था।

लिबरल के चुने गए 14 सांसदों में से 12 सांसद सिख समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। जस्टिन ट्रूडो इतने बड़े वोट बैंक को खोने का जोखिम नहीं लेना चाहते, लिहाजा वह वही कर रहे हैं, जो खालिस्तानी उन्हें करने के लिए कह रहे हैं। कनाडा की राजनीति में खालिस्तानियों के प्रभाव का इस बात से लगाया जा सकता है कि जस्टिन ट्रूडो की 2015 की कैबिनेट में 4 मंत्री सिख समुदाय के रहे हैं।

ओंटारिया और ब्रिटिश कोलंबिया में सिख सियासत में हावी
कनाडा की 2021 की जनगणना के मुताबिक सिखों की कुल आबादी 7,71,790 है, इनमें से सबसे ज्यादा आबादी ओंटारियो प्रांत में है, जबकि ब्रिटिश कोलंबिया का नाम दूसरे नम्बर पर आता है। इसके बाद अल्बर्टा व मनिटोबा व क्यूबैक में भी बड़ी संख्या में सिख रहते हैं। कनाडा में चुने जाने वाले भारतीय मूल के अधिकतर सांसद इन्हीं इलाकों से आते हैं और ब्रैम्पटन और सरी की राजनीति में सिखों का बड़ा प्रभाव है।

कनाडा में सिख आबादी
कुल आबादी 7,71,790
ओंटारियो 300,435
ब्रिटिश कोलंबिया 290,870
अल्बर्टा 103,600
मनिटोबा 35,470
क्यूबैक 23,345

 

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