
प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में काशी सी एस आर कॉन्क्लेव आयोजित
कमिश्नरी सभागार में विभिन्न कंपनियों के सीएसआर के तहत 80 करोड़ से अधिक कार्यों हेतु एमओयू हस्तांतरण तथा अब तक हो चुके 125 करोड़ के सीएसआर कार्यों हेतु आयोजित धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं।
कार्यक्रम में अपने संबोधन में राज्यपाल ने आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि जहां से कुपोषण की शुरुआत हो रही वहीं से कुपोषण को खत्म किया जाये, बच्चियों की शादी कम उम्र में करने से बचना चहिये, सरकार गर्भवती माताओं को प्रथम व द्वितीय संतान हेतु पैसे भी दे रही है पर उसका सदुपयोग किया जाना चाहिए।
उन्होंने छोटे बच्चों हेतु चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट की जरूरतों पर बल देते हुए इसको अनिवार्य करने को कहा। माँ के गर्भ में पल रहे शिशु पर घर के पूरे वातावरण का फर्क़ पड़ता है इसलिए उस दौरान अच्छे वातावरण तथा खानपान की व्यवस्था होनी चाहिये।
राज्यपाल ने प्रधानमन्त्री जी द्वारा शुरू किये गये आयुष्मान भारत योजना का लाभ बेटियों को भी मिलने एवं बाल्यावस्था में बच्चियों की शादी नहीं करने की अपील की। उन्होंने समाज में लड़का-लड़की भेदभाव पर चिंता जताते हुए इससे बाहर आने को कहा। गुजरात सरकार में उनके द्वारा आंगनवाड़ी सुधार हेतु किये गये प्रयासों को भी रेखांकित किया गया।
राज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए 2030 तक 50 प्रतिशत बच्चों को उच्च शिक्षा में प्रवेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये लगातार नीचे से प्रयास करने को कहा। उन्होंने प्रदेश के आठ आकांक्षी जिलों में सुधार हेतु लगातार प्रयास करने को कहा तथा
विभिन्न कंपनियों से सोनभद्र के आंगनवाड़ी उत्थान हेतु सभी सम्भव प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास के संचालन के दौरान वहाँ अध्यापक जरूर मौजूद रहे, टेक्नोलॉजी का प्रयोग अच्छे कार्यों में होना चाहिये।