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IMT के एक वैज्ञानिक के खिलाफ CBI ने मामला दर्ज किया
CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने उद्योगपतियों को भूजल के औद्योगिक उपयोग के लिए अनापत्ति प्रमाण जारी करने के लिए उनसे कथित रुप से करीब दो लाख रुपये रिश्चत लेने को लेकर केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) के एक वैज्ञानिक और सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान (IMT) के एक तकनीशियन के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
प्राथमिकी में बोर्ड के वैज्ञानिक संजय पांडे और IMT के तकनीशियन चंद्रप्रकाश मिधा नामजद हैं। बोर्ड जल संसाधन मंत्रालय के अधीन है। जबकि IMT वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आता है। प्राथिमिकी के अनुसार इन दोनों ने पंजाब और हरियाणा में उद्योगों से पैसे हासिल करने के लिए मिलीभगत की।
औद्योगिक उपयोग के वास्ते भूजल उपयोग के लिए एनओसी जारी करने की सिफारिश के साथ आवेदन कथित रुप से एक क्षेत्रीय सीजीडब्ल्यूबी अधिकारी के मार्फत अग्रसारित किये गये थे। दोनों ने दो लाख रुपये के एवज में स्वराज कंडोई के पानी पैकेजिंग कारोबार के वास्ते एनओसी हासिल करने में कथित मदद की थी। इस दो लाख रुपये में 50,000 रुपये मंगलवार को स्वराज के कर्मचारी दिनेश कुमार ने पहुंचाये थे।
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