
राज्यपाल ने राजभवन उत्तर प्रदेश के नवाचारों पर आधारित पुस्तक ‘हमारा राजभवन‘ का विमोचन किया
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में आयोजित समारोह में राजभवन के नवाचारों पर आधारित पुस्तक ‘हमारा राजभवन‘ का विमोचन किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने अपने कार्य अनुभव व कार्य शैली को साझा करते हुए नियमानुसार एवं दिल से कार्य करते रहने को कहा। उन्होंने अपने कार्यकाल के विविध कार्यानुभवों को साझा करते हुए कोरोना काल में राजभवन द्वारा किए गए जनहित के कार्यों की चर्चा की।
राज्यपाल ने गुजरात में बतौर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री तथा राजस्व मंत्री के रूप में अपने सफल अनुभवों को भी साझा करते हुए कृषक हित, भू-सुधार, महिला एवं बाल कल्याण के लिए किये गए कार्यों के सफलता के बारे में बताया।
कार्यक्रम में आमंत्रित विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या के निस्तारण की दृष्टि होनी चाहिए इसके लिए कुलपति एवं अधिकारीगण विश्वविद्यालय का निरंतर भ्रमण कर विद्यार्थियों से मिलें और उनका फीडबैक लें, तथा उनकी समस्याओं को निस्तारित करें।
कुलाधिपति महोदया ने कहा कि विश्वविद्यालय को परिवार की तरह चलाएं और छात्र-छात्राओं को चरित्रशील बनाएं तथा उन्हें लोगों की मदद करने की शिक्षा दें। उन्होंने कहा कि खुशी कार्य करने तथा कठोर परिश्रम से मिलती है। इसलिए खुश रहें और परिवार एवं बच्चों को खुशहाल रखें।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एवं ‘हमारा राजभवन‘ पुस्तक के संपादक, डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे ने पुस्तक का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि पुस्तक ‘हमारा राजभवन‘ माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश, श्रीमती आनंदीबेन पटेल के विगत पांच वर्षों की कार्यावधि में राजभवन में हुए नवाचारों एवं नवनिर्माण पर आधारित है
तथा इसमें राजभवन को जन-जन का भवन बनाने की प्रवृत्ति तथा विविध गतिविधियाँ शामिल हैं। उन्होंने राज्यपाल जी को मातृशक्ति, पितृ शक्ति एवं गुरु शक्ति के रूप में क्षण-प्रतिक्षण देखे जाने की बात की तथा उन्हें दूरदर्शी नेतृत्व, व्यावसायिक सक्षमता,
पारदर्शी सुशासन के साथ, सख्त प्रशासक एवं विनम्र एवं सरल स्वभाव के व्यक्तित्व गौरव से सम्पन्न बताते हुए कहा कि वे स्टेट्स वूमेन हैं। उन्होंने राज्यपाल जी को उत्तर प्रदेश के उच्चतर शिक्षा जगत के स्वर्ण युग की प्रणेता बताया।



