मुख्य सचिव ने उभरती प्रौद्योगिकी और डिजिटल परिवर्तन सत्र के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया
लखनऊ: मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने योजना भवन में डिजिटल युग के शासन को तैयार करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकी और डिजिटल परिवर्तन पर कार्यकारी ब्रीफिंग सत्र में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। यह ब्रीफिंग सत्र सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, उ0प्र0 द्वारा वाधवानी सेण्टर फॉर गवर्नमेंट डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, वाधवानी फाउंडेशन की पार्टनरशिप में आयोजित किया गया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बहुत महत्वपूर्ण है। सभी सरकारी विभागों को दक्षता बढ़ाने और परिवर्तनकारी परिणाम सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपने दृष्टिकोण, योजना और दैनिक कामों में शामिल किया जाना चाहिए। एआई परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में उभर रहा है। इसका न केवल उपयोगकर्ताओं पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, बल्कि यह अन्य क्षेत्रों को भी बदल देगा, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति, परिवार, सोसायटी या कोई राज्य यदि एआई में पीछे छूट जाता है तो वह हर चीज में पिछड़ जाता है। एआई के बहुत सारे उपयोग हैं। हमें जनता और समाज की बेहतरी के लिए इसका इस्तेमाल बढ़ाना होगा। उत्तर प्रदेश में देश के विकास की सबसे बड़ी क्षमता है और एआई निश्चित रूप से इसे पूरा करने में मदद कर सकता है।
उन्होंने बताया कि विदेश दौरे पर ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर से मुलाकात हुई थी। ज्यूरिख यूनिवर्सिटी पूरे यूरोप में एआई का सबसे बड़ा सेंटर है। इसी यूनिवर्सिटी में आइंस्टीन पढ़ते थे और पढ़ाते भी थे। उन्हें उनकी यूनिवर्सिटी जाने का भी मौका मिला। उनके साथ प्रदेश में एक इवेंट किया गया। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान उनके रिप्रजेंटेटिव यहां आए और उन्होंने पवेलियन सेटअप किया और मा0 प्रधानमंत्री जी के समक्ष प्रदर्शन भी किया। उनकी टीम यहां से गंगा एक्सप्रेसवे गई और वहां की सड़कों का निरीक्षण किया। उन्होंने एक्सप्रेसवे पर कुछ सेंसर इंस्टॉल किए, जो सड़क की गुणवत्ता के संबंध में डाटा जेनरेट करते हैं। इसी डाटा के आधार पर सड़क की क्वालिटी में सुधार के प्रयास किए जाते हैं। इस तरह के बहुत सारे इक्विपमेंट ज्यूरिख से आ चुके हैं। माह जनवरी में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग में लगभग 80 प्रतिशत पवेलियन एआई के थे।