अयोध्या झूला उत्सव; 140 किलो चांदी, 700 ग्राम सोने से बने 2 करोड़ के झूले पर विराजेंगे रामलला, गुजरात का बना मुकुट पहनेंगे
अयोध्या : रामनगरी में झूलोत्सव का भव्य आयोजन चल रहा है. यह 19 अगस्त तक चलेगा. मंदिर में परंपरा का अनोखा समागम देखने को मिल रहा है. पौराणिक स्थल रामलला सदन में भगवान रामलला के लिए विशेष प्रकार का झूला तैयार किया गया है. इसे वृंदावन के 10 कलाकारों ने बनाया है. इसके निर्माण में एक साल का समय लगा. यह करीब 2 करोड़ का है. इसमें 140 किलो चांदी और 700 ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है.
इस पर आज देर शाम भगवान श्री रामलला और उनके तीनों भाइयों को विराजमान कराया जाएगा. इस दौरान गुजरात में तैयार सोने-चांदी और हीरे से बने विशेष मुकुट को भी पहनाया जाएगा. इसका डिजाइन दक्षिण परंपरा पर आधारित है. इस झूले की ऊंचाई लगभग 10 फीट, चौड़ाई 8 फीट जबकि गहराई 4 फीट है. झूले पर देवी-देवताओं की आकृतियां बनी हैं. इस पर गरुड़ देव अभिवादन करते दिख रहे हैं. इस छवि की चांदी पर सोने से नक्काशी की गई है.
अयोध्या में होने वाले इस झूलन उत्सव में शामिल होने के लिए अमेरिका समेत अन्य देशों से भक्त पहुंचे हैं. वहीं, रामनगरी के 50 से ज्यादा प्रमुख आचार्य इस समारोह में आमंत्रित किए गए हैं. धार्मिक अनुष्ठान के बाद इस झूले पर भगवान श्रीराम, माता जानकी और भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न विराजमान किए जाएंगे. अयोध्या के संत उन्हें झूला झुलाएंगे. इसके बाद यहां पर भजन गायन होगा. भगवान को विशेष तरह की माला भी पहनाई जाएगी.
रामलला सदन के महंत स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि इस आयोजन के दौरान हम पूरे साल में हुई भूल चूक का प्रायश्चित भी करते हैं. रामनगरी के करीब 1 हजार मंदिरों में झूलन उत्सव मनाया जा रहा है. रामलला सदन में भव्य आयोजन हो रहे हैं. यह सदन राम मंदिर से कुछ ही दूरी पर है. यह मंदिर करीब 300 साल पुराना बताया जाता है. त्रेता कल में इस स्थान पर भगवान श्रीराम सहित चारों भाइयों को अनेक प्रकार के संस्कार दिए गए थे. ऐसी मान्यता है, कि यहीं पर भगवान श्रीराम और चारों भाइयों का नामकरण भी हुआ था. रामनगरी के करीब 1 हजार मंदिरों में झूलन उत्सव मनाया जा रहा है.