कोई भी काला धन उजागर नहीं हुआ और भ्रष्ट प्रथाओं की शिकायतों को जारी रखा गया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य काले धन को उजागर करना था, लेकिन कोई परिणाम नहीं मिला।
भ्रष्टाचार की शिकायतें जारी हैं। उन्होंने जोड़ा कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन संविधान की वास्तविक भावना में चुनाव होना चाहिए और नेताओं को आम जनता से आना चाहिए।
हम स्वतंत्रता प्राप्त कर चुके हैं और ब्रिटिशों से छुटकारा पा चुके हैं। लेकिन राष्ट्र के नागरिक अभी भी सही मायने में लोकतंत्र की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अन्ना ने जो कहा वो बिल्कुल सही है। राष्ट्र आज भी वास्तविक रूप से स्वतंत्र होने के लिए छटपटा रहा है।
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