
विधायक का चुनाव हारने के बाद परिषद के रास्ते सदन में पहुंचे दारा सिंह, योगी कैबिनेट में मंत्री बनना तय
सपा से बीजेपी में आए दारा सिंह अपनी सीट हार गए थे। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें विधान परिषद के सुरक्षित रास्ते से फिर से सदन में भेज दिया है।
अब ऐसे कयास है कि उनका मंत्री बनना तय है। बजट सत्र के पहले या उसके बाद वह मंत्री बनाए जा सकते हैं। दो फरवरी से राज्य का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है।
42 हजार वोटों से मिली था हार
दारा सिंह चौहान को घोसी सीट पर विधानसभा उपचुनाव के बाद भी मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन दारा और उनके साथ ही सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अभी भी इंतजार ही कर रहे हैं।
दारा सिंह चौहान को गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह नोनिया समाज से आते हैं जो कि पूर्वांचल में काफी प्रभावी माना जाता है।
उपचुनाव में वह अपने समुदाय का वोट भी पूरी तरह प्राप्त नहीं कर सके वह सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह से करीब 42 हजार वोटों से हार गए। सपा से भाजपा में शामिल होने पर दारा सिंह चौहान ने कहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
दारा के कारण एक वर्ग नाराज भी
सरकार और भाजपा कि पूरी ताकत के बाद भी घोसी विधानसभा उप चुनाव हारने के बाद भी दारा सिंह को विधान परिषद भेजने से भाजपा का एक वर्ग नाराज भी हैं।
उनका मानना हैं कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के करीबी दारा सिंह को विधान परिषद भेजकर उच्च सदन मे ब्राह्मण की एक सीट कम की गई हैं।
डॉ दिनेश शर्मा के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर किसी ब्रह्मण को ही मौका मिलना चाहिए था। जैसे कि केंद्रीय नेतृत्व ने राजयसभा सदस्य हरद्वार दुबे के निधन के बाद उनकी सीट पर भाजपा के ब्राह्मण नेता डॉ दिनेश शर्मा को मौका दिया था।
उनका यह भी मानना हैं कि दारा की जगह कैडर के कार्यकर्त्ता को मौका देते तो कार्यकर्त्ताओं मे अच्छा संदेश जाता।