
26 साल की उम्र, बड़े कारनामें, जाली दस्तावेजों के आधार बैंक को लगाया करोड़ों का चूना, STF ने किया आरोपी को अरेस्ट
लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने एक ऐसे नटवर लाल को गिरफ्तार किया है जो जाली दस्तावेजों के आधार पर निजी बैंकों से पहले करोड़ों रुपया लोन लेता था उसके बाद फिर उसको एनपीए में डाल देता था।
अभी तक आरोपी ने कई निजी प्रतिष्ठित बैंको को चूना लगा चुका है। इस संबंध में गोरखपुर के शाहपुर थाने में दर्ज आरोपी के खिलाफ एफआईआर के आधार पर आरोपी की तलाश काफी दिनों से चल रही थी।
पकड़े गये आरेपी का नाम रुद्रांश पाण्डेय पुत्र राजेश कुमार है। जोकि फ्लैट संख्या 404, ग्रीन वैली नकहा राप्ती नगर, थाना शाहपुर, जनपद गोरखपुरका रहने वाला है।
आरोपी की उम्र 26 वर्ष है। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि रोपी रुद्रांश को स्पोर्ट कॉलेज चौराहे से दोपहर शाम साढ़े सात बजे सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ में आरोपी ने कई राज भी उगले हैं। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि एसटीएफ को सूचना प्राप्त हो रही थी की फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर लोन कराकर लोन को जमा नही किया जा रहा है तथा उसे एनपीए खाते में डाल दिया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में एसटीएफ फील्ड इकाई गोरखपुर को निर्देशित किया गया, जिसके क्रम में पुलिस उपाधीक्षक, धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में सत्य प्रकाश सिंह, निरीक्षक, एसटीएफ की ओर से आरेपी के बारे में जानकारी जुटाई गई। जिसके बाद गिरफ्तारी संभव हो सकी है।
कई पेन कार्ड और आधार कार्ड बरामद
एसटीएफ ने आरोपी के पास से कई आधार कार्ड व पैन कार्ड बराम किए हैं। बरामद पैन कार्डों में से रूद्रांश के नाम के अलग-अलग पिता के नाम व जन्मतिथि के फर्जी, कूटरचित पैन कार्ड थे तथा बरामद आधार कार्डों में से रूद्रांश के नाम के अलग-अलग पिता के नाम व अलग-अलग आधार नम्बर के फर्जी आधार कार्ड भी शामिल हैं।
इस तरह से करते थे पूरा खेल
इस संबंध में आरोपी रुद्रांश के खिलाफ रिजनल हेड ICIC बैंक आशुतोष कुमार मिश्रा ने गोरखपुर में रियाज, शरुफ, रुद्रांश पाण्डेय, अर्चना पाण्डेय व अन्य लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई थी।
इसमें रियाज नाम के व्यक्ति (उधार कर्ता) व शरुफ सह उधारकर्ता निवासीगण गणेशपुरम नकहा न0-1 गोरखपुर द्वारा अगस्त में बालाजीपुरम राप्तीनगर में निर्मित मकान व बालाजीपुरम राप्तीनगर में 3355 वर्गफिट खाली प्लाट को बन्धक रखकर बैंक से 2 करोड़ 45 लाख रुपया गृह ऋण लिया गया, जिसमें रियाज को मेसर्स रियाज इन्टर प्राइजेज के मालिक एव उसके बेटे शरुफ को उसी फर्म में केयर टेकर के रुप में दिखाया गया।
रियाज इन्टरप्राइजेज सरकारी संस्था भारतीय खाद्य निगम को खाद्य अनाज की आपूर्ति का कार्य करती थी। उधारकर्ता द्वारा 03 किस्त का भुगतान कर किस्त देना बन्द कर दिया गया।
उपरोक्त लोन की वसूली की कार्यवाही के दौरान उनके द्वारा ऋण लिये गये पते पर जाकर देखा गया तब वहां ताला लगा था तथा मकान पर रमेन्द्र नाथ तिवारी के नाम की नेम प्लेट लगी थी। पड़ोसियों के मकान के सम्बन्ध मे पूछा गया तब पड़ोसियों द्वारा पुष्टी की गयी कि
अपने स्तर पर जब बैंक की टीम ने की जानकारी तो उड़ गये होश
आईसीआई बैंक की टीम ने अपने स्तर पर जाच के दौरान यह पाया कि रियाज के लोन की पैरवी एक अन्य आईसीआईसीआई बैंक के मौजूदा ऋण उधारकर्ता अर्चना पाण्डेय व रुद्रांश पाण्डेय निवासीगण मुरलीजोत, बस्ती द्वारा लोन के लिए पैरवी किया गया था।
रियाज के पते पर भौतिक सत्यापन के दौरान एक व्यक्ति की उपस्थिती मौके पर थी, जिसका फोटोग्राफ पड़ोसियो को दिखाया गया तब पड़ोसियों द्वारा उक्त व्यक्ति की पहचान रुद्रांश पाण्डेय उर्फ तोष के रुप मे की गयी तथा उक्त सम्पत्ति जिस पर रियाज द्वारा लोन पास कराया गया था वह रुद्रांश पाण्डेय के पिता राजेश पाण्डेय के नाम पर पायी गयी।
रियाज के नाम पर खोले गये आईसीआईसीआई बैक के बचत खाता संख्या 031901537941 में बैंक द्वारा लोन की राशि ट्रासफर करने के उपरान्त 01 सप्ताह के अन्दर रुद्रांश पाण्डेय की मां अर्चना पाण्डेय के केनरा बैंक के खाता सं0 110067117507 में समस्त ऋण की रकम स्थानान्तरित कर दिया गया था।
ऋण प्राप्त करने के समय उधारकर्ता द्वारा प्रस्तुत किये गये पैन कार्ड आधार कार्ड केनरा बैंक व युनियन बैंक आईटीआर जीएसटीन उद्यम आधार नम्बर व अन्य दस्तावेजो को जाच के दौरान फर्जी व कुचरचित दस्तावेज पाये गये।
आवेदक के प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना भादवि, थाना शाहपुर, जनपद गोरखपुर पंजीकृत कराया गया जिसके बाद मामले की एसटीएफ भी जांच कर रही थी।