
जया एकादशी आज, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि
आज, 12 फरवरी, दिन शनिवार को माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन उपवास रखते हुए प्रभु भजन किया जाता है। इस एकादशी व्रत को जया, अजा और भीष्म एकादशी के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों और पुराणों में मान्यता है। कि इस एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। और सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।
एकादशी व्रत का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार हर एक माह में दो एकादशियां मनाई जाती है। एक माह में दो पक्ष होते हैं। हर एक पक्ष में एक एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस प्रकार एक साल में 24 एकादशियां आती है। सभी 24 एकादशियों का विशेष महत्व होता है। इसमें उपवास रखते हुए भगवान विष्णु की पूजा और मंत्रों का जाप किया जाता है। इसके अलावा इस तिथि पर गंगा स्नान, दीपदान और दान करने का विशेष महत्व होता है।
एकादशी पर क्या करें
एकादशी तिथि पर उपवास रखने की परंपरा होती है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इस दिन जल्दी सुबह उठकर दक्षिणावर्ती शंख में केसर के साथ दूध और गंगाजल को मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करना शुभ होता है।
इसके अलावा पूजा में भगवान की आरती और मंत्रों के जाप से भगवान विष्णु की प्रसन्न करें। सुबह की पूजा के बाद फलाहर लें और फिर शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा, आरती और दीपक जलाते हुए मंत्रों का जाप करें। इसके बाद अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर गरीबों और ब्राह्राणों को दान देना न भूलें।
एकादशी पर तुलसी पूजन
भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय चीज होती है। इसलिए एकादशी पर तुलसी की पूजा और आरती अवश्य करें। पूजा में भगवान विष्णु को तुलसी पत्र जरूर चढ़ाएं। बिना तुलसी के पूजन से एकादशी व्रत पूरा नहीं माना जाता है।