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पुतिन का सुरक्षा घेरा तोड़ पाना क्यों है बहुत ही मुश्किल

रूस और यूक्रेन के बीच लगातार 30 दिनों से जंग जारी है। और अब तक दोनों पक्ष इस जंग को रोकने के लिए किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाए हैं। इस युद्ध के लिए दुनिया रूसी राष्ट्रपति को विलेन के रूप में देख रही है। पश्चिमी देश पुतिन को पूरी तरह अपना दुश्मन बता चुके है। और उनके जासूस लगातार पुतिन के बारे में तमाम तरह की जानकारियां हासिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं।

पश्चिमी देशों के जासूस पुतिन की सिक्योरिटी से लेकर उनके खान-पान तक तमाम चीजें जानना चाहते हैं। आपको बता दें रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की सुरक्षा घेरे को तोड़ पाना बिल्कुल आसान नहीं है। वह 24 घंटे और सातों दिन कई बॉडीगार्ड से घिरे रहते है। जो पुतिन के हर एक कदम पर पैनी नजर रखते हैं।

पुतिन के खाने की भी की जाती है जांच
व्लादीमीर पुतिन के खाने पीने से पहले उनके निकटतम सलाहकार उसकी जांच करते हैं। रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद पुतिन की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। क्योंकि अब उनकी जान को पहले से ज्यादा खतरा है।

पुतिन की सुरक्षा सेवा
आपको बता दें रूस के राष्ट्रपति की सुरक्षा सेवा एसएसओ को रिपोर्ट करती है। इसका गठन रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी से हुआ था। ये गार्ड्स हमेशा साए की तरह पुतिन के आस पास रहते हैं। पुतिन का दिन तीन सुरक्षा ब्रीफिंग के साथ शुरू होता है। और यही उनका दिन तय करती है।

4 टीमों की सुरक्षा घेरे में खुद को बांट लेते हैं पुतिन
रूस के राष्ट्रपति 4 टीमों की सुरक्षा घेरे में खुद को बांट लेते हैं। इनमें सबसे पहली टीम पुतिन का सबसे करीबी सुरक्षा घेरा बनाती है। इस टीम में पुतिन के पर्सनल गार्ड्स होते हैं। पुतिन की दूसरी टीम में जो गार्ड्स होते है। वो जनता की नजर में नहीं आते। रूसी राष्ट्रपति के सुरक्षा घेरे की तीसरी टीम का काम संदिग्ध लोगों को रोकना होता है। और उनकी आखिरी सुरक्षा घेरे की टीम में अच्छे स्नाइपर्स शामिल होते हैं।

पुतिन की खुद की सेना
6 साल पहले रूस के राष्ट्रपति ने रूसी नेशनल गार्ड्स नाम की सेना व्यक्तिगत तौर पर बनाई थी। फिलहाल इस नेशनल का गार्ड्स का नेतृत्व पुतिन के पूर्व बॉडीगार्ड विक्टर जोलोतोव संभाल रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिछले कुछ सालों में चार लाख से ज्यादा सैनिकों को इस सुरक्षा बल में जगह दी गई है।

व्लादीमीर पुतिन के पास जहर चेक करने के लिए एक व्यक्तिगत टेस्टर है। रूसी राष्ट्रपति के खाने की सुरक्षा सबसे ज्यादा सख्त है। यह कुछ वैसे ही है जैसे पुराने समय में राजा महाराजाओं के सेवक उनको को खाना देने से पहले खुद उस खाने को चखकर उसकी जांच करते थे।

पुतिन नहीं करते स्मार्टफोन का उपयोग
आपको बता दें व्लादिमीर पुतिन ने खुद कहा है। कि वह किसी स्मार्टफोन का उपयोग नहीं करते हैं। क्रेमलिन में पहुंचते ही यह स्मार्टफोन बंद हो जाते हैं। रूसी राष्ट्रपति को इंटरनेट पर बिल्कुल भी यकीन नहीं है। क्योंकि रूस का मानना है कि सभी सूचनाएं इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका तक पहुंच जाती है। और अमेरिका सूचना तंत्र की निगरानी करता है।

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