
एलडीए से हटाए गए संयुक्त सचिव डीएम कटियार
लखनऊ – एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) में अनियमितताओं के आरोपी अधिकारी संयुक्त सचिव डीएम कटियार को आखिरकार हटा दिया गया है। उत्तर प्रदेश आवास विकास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने संयुक्त सचिव डीएम कटियार को एलडीए से हटाकर उनके मूल विभाग नगर विकास भेजे जाने का आदेश जारी किया है।
विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार की तरफ से आदेश जारी होने के तत्काल बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने भी संयुक्त सचिव डीएम कटियार को तत्काल कार्यमुक्त करने का आदेश दे दिया। लखनऊ विकास प्राधिकरण में यह बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
वर्ष 2018 में नगर विकास विभाग से लखनऊ विकास प्राधिकरण में डीएम कटियार की दोबारा एलडीए में वापसी करने को लेकर भी सवाल खड़े हुए थे। वह एलडीए की संपत्ति विभाग, बल्क संपत्ति, अपार्टमेंट सहित कई अन्य संबंधित काम देख रहे थे और उनके ऊपर कमर्शियल प्रॉपर्टी की नीलामी को लेकर भी तमाम तरह के गंभीर आरोप भी लगे थे।
पूर्व कमिश्नर अनिल गर्ग की जांच में भी वह दोषी पाए गए थे। लेकिन अपने रसूख के दम पर संयुक्त सचिव डीएम कटियार लगातार बचते रहे है। अब पिछले दिनों सूत्रों के दावे के अनुसार उनके खिलाफ शासन में कार्रवाई को लेकर शिकायत हुई। जिसके बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से नगर विकास विभाग में भेजे जाने का आदेश जारी कर दिया गया।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और पूर्व मंडलायुक्त अनिल गर्ग ने पिछले साल कमर्शियल प्लाटों के आवंटन में गड़बड़ी की जांच करने के बाद संयुक्त सचिव डीएम कटियार व वित्त नियंत्रक राजीव को हटाने के लिए शासन से सिफारिश की थी।
इसके साथ ही पिछले 2 साल में आवंटित सभी कमर्शियल प्लॉट के आवंटन को लेकर शासन के विशेष सचिव की अध्यक्षता में ऑडिट कराने की भी सिफारिश की थी। पूर्व कमिश्नर अनिल गर्ग ने गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, कानपुर रोड, सीजी सिटी में कमर्शियल प्लाटों की नीलामी में गंभीर अनियमितता जांच के दौरान पाई थी।
संयुक्त सचिव कटियार पर फर्जीवाड़ा करके कमर्शियल प्लाटों के आवंटन में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे थे। कमिश्नर अनिल गर्ग ने शासन से कार्रवाई के लिए और संयुक्त सचिव को हटाने की सिफारिश की थी लेकिन बाद में जब कमिश्नर अनिल गर्ग का तबादला हो गया तो फिर यह पूरी जांच ठंडे बस्ते में चली गई। संयुक्त सचिव डीएम कटियार अपने रसूख और शासन स्तर पर संबंधों के चलते इस जांच को दबाने में सफल रहे लेकिन अब हुई शिकायत के बाद उन्हें एलडीए से हटाकर उनके मूल नगर विकास विभाग भेज दिया गया है।