
अवध बार की याचिका का विरोध करेगी इलाहाबाद हाईकोर्ट बार
लखनऊ । जीएसटी ट्रिब्युनल का प्रयागराज में गठन को चुनौती देने वाली अवध बार एसोसिएशन की जनहित याचिका का इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन विरोध करेगी। इस सम्बंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार ने प्रार्थना पत्र देते हुए खुद को प्रतिवादी बनाए जाने की मांग की है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए।
उन्हें हस्तक्षेपकर्ता के तौर पर प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी है। मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खंडपीठ ने दिया।
उलेखनीय है कि लखनऊ बेंच के अवध बार और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार के बीच विभिन्न ट्रिब्युनल्स के अपने-अपने जिले में गठन को लेकर खींचातनी चल रही है। इसी मामले को लेकर दोनों बार एसोसिएशनों के अधिवक्ता पिछले दिनों न्यायिक कार्य से विरत भी रहे।
अवध बार की याचिका पर 4 मार्च को न्यायालय ने केंद्र सरकार व जीएसटी काउंसिल द्वारा कोर्ट की अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश में जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
इसके पूर्व इलाहाबाद हाईकोर्ट एजुकेशन ट्रिब्यूनल के गठन पर भी रोक लगा चुकी थी।
अवध बार की याचिका में जीएसटी काउंसिल के 14 मार्च 2020 के प्रस्ताव केा चुनौती दी गयी है। जिसके जरिये काउंसिल की ट्रिब्यूनल प्रयागराज में स्थापित करने की बात कही गयी है। कहा गया है कि पहले जीएसटी काउंसिल ने अपीलेट ट्रिब्यूनल लखनऊ में गठित करने का निर्णय लिया था किन्तु बाद में अपना निर्णय बदल दिया जो कि बिना किसी आधार के व सरासर गलत है।



