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UN कर्मियों के अपराध बर्दाश्त न किये जायें: भारत
UN, भारत ने दुनिया भर में चल रहे UN मिशन में काम कर रहे कर्मचारियों द्वारा किये गये आपराधिक कृत्यों के खिलाफ कतई बर्दाश्त न करने की नीति की मांग की। भारत ने कहा कि ऐसे अपराध विश्व निकाय की छवि और विश्वसनीयता को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक समिति की बैठक को संबोधित करते हुये UN में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव येडला उमाशंकर ने कहा कि एक व्यापक स्तर पर कुछ मामलों में जवाबदेही का मुद्दा भटकाने वाला रहता है क्योंकि इसके साथ सदस्य राष्ट्रों की संप्रभुता और न्यायक्षेत्र के कानूनी पहलुओं की जटिलतायें जुड़ी होती हैं।
उन्होंने कहा, ऐसा UN के ‘‘कानूनी व्यक्तित्व’’ की वजह से हो सकता है जिसकी वजह से एक देश में संयुक्त राष्ट्र के अभियान के लिये आवश्यक प्रतिरक्षा और विशेषाधिकार दिये जाते हैं। इसके साथ ही यह सदस्य राष्ट्र की काम करने की क्षमता और आरोपी की जांच तथा अभियोजन को लेकर उसकी इच्छा पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि UN के लिये काम करने के दौरान संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों द्वारा किये गये किसी अपराध की जवाबदेही का मुद्दा अहम है। भारतीय राजनयिक ने कहा, संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों द्वारा किये गये कुछ घटनायें या आरोप के मामले संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था और दुनिया भर में उसके काम की छवि और जवाबदेही को काफी नुकसान पहुंचाने वाली रहीं।
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