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2019 के लिए भाजपा मुख्यमंत्रियों को मोदी-शाह ने दिये निर्देश
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा शासित प्रदेशों से मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की और इसमें विकास, सुशासन और गरीब कल्याण के मंत्र को साकार करने वाली केंद्र की योजनाओं को राज्यों में लागू करने के साथ प्रदेश सरकार की अन्य पहल की समीक्षा की गई। बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन योजनाओं के बारे में अपनी प्रस्तुति दी। बैठक में 2019 चुनाव से जुड़ी बातों पर चर्चा हुई। बैठक ऐसे वक्त पर हुई जब केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही साल 2019 तक कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पूर्वोत्तर के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोमवार शाम हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने विकास, सुशासन और गरीब कल्याण के मंत्र को साकार करने में राज्यों की भूमिका की समीक्षा की। नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ अहम बैठक में शामिल होने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मणिपुर के मुख्यमंत्री विरेंद्र सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हुए। बैठक में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर शामिल नहीं हो पाये। पर्रिकर संभवत: उपचुनाव की वजह से शामिल नहीं हो पाये। इसके अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी मीटिंग में पहुंचे। इनके अलावा बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी बैठक में मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विभिन्न योजनाओं के बारे में अपनी प्रस्तुति दी और कार्यान्वयन की जानकारी दी।
अमित शाह अपनी तैयारियों में जुट गए हैं और वे विभिन्न राज्यों के पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए 2019 चुनाव में 350 प्लस सीट का मंत्र दिया था। भाजपा अगले चुनाव में ऐसी 120 सीटों पर खास जोर दे रही है जहां पार्टी जीत दर्ज नहीं कर पायी है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न राज्यों के सांसदों के साथ बैठक कर उनके साथ खुला संवाद कर चुके हैं। उन्होंने सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचने और जनता से संवाद करने का मंत्र दिया था।
साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव एवं इस दौरान कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में राज्यों में केंद्र की योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति का जायजा लिया गया।
उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अभी से 2019 के चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं और इस संदर्भ में उनका 110 दिनों के राज्यों के प्रवास का कार्यक्रम जारी है। इस दौरान वे प्रदेश में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं। इससे पहले अप्रैल में भाजपा के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के सत्ताधारी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में मुख्यमंत्रियों को स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार जनता के लिए और जनता के साथ है। लिहाजा, सभी मुख्यमंत्री इसी एजेंडा पर काम करते हुए जनता के बीच अपनी और सरकार की लोकप्रियता को पुख्ता बनाएं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों को अंत्योदय के उद्देश्यों को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। साथ ही नसीहत दी कि वे सुशासन एवं गरीब कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर पूरा जोर लगाएं, ताकि जनता को उनका लाभ मिलने के साथ ही पार्टी की विश्वसनीयता बढ़ सके।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज से शुरू होने वाले अपने तीन दिवसीय तमिलनाडु दौरे को टाल दिया है। ऐसी अटकलें हैं कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का फेरबदल, विस्तार हो सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने (शाह ने) अपनी यात्रा इसलिये स्थगित की क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम की संभावना है। तमिलनाडु प्रदेश भाजपा इकाई की अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदरराजन ने बताया कि शाह को दिल्ली में राजग के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करनी थी और कई अन्य महत्वपूर्ण बैठकों में भी उनकी उपस्थिति जरूरी थी इसलिए यह दौरा स्थगित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी और बागी नेता ओ. पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के परस्पर विरोधी धड़े सोमवार को एक साथ आ गये। करीब छह महीने पहले पार्टी के दोनों नेताओं ने अपने अपने धड़े बना लिये थे। सत्ता में भागीदारी की व्यवस्था के तहत यह विलय हुआ है जिसमें के. पलानीस्वामी मुख्यमंत्री बने रहेंगे और ओ. पनीरसेल्वम उपमुख्यमंत्री होंगे। ऐसी अटकलें हैं कि विलय के बाद अन्नाद्रमुक केंद्र में सत्तारूढ़ राजग गठबंधन का हिस्सा बन सकता है। इससे पहले नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू ने राजग में शामिल होने का निर्णय किया। ऐसे में इन अटकलों को बल मिल रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।
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