बिजली की कीमत आज पांच रुपये प्रति यूनिट पर आ जाएगी: बिजली सचिव
नई दिल्ली। बिजली सचिव ए के भल्ला ने कहा कि कम बारिश के कारण पनबिजली उत्पादन में कमी, पवन और सौर ऊर्जा में गिरावट तथा परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के रखरखाव और पारा चढ़ने के कारण मांग बढ़ने से हाजिर बाजार में बिजली की कीमत नौ रुपये प्रति यूनिट से ऊपर पहुंच गयी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि तापीय बिजली संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति बढ़ाये जाने समेत सरकार के अन्य कदम से बिजली की कीमत आज पांच रुपये प्रति यूनिट पर आ जाएगी। उल्लेखनीय है कि कल कारोबारी सत्र में बिजली की हाजिर कीमत 9.38 रुपये प्रति यूनिट पर आ गयी।
विद्युत प्रवाह पोर्टल के अनुसार एक्सचेंजों में 100 मेगावाट अधिशेष बिजली की उपलब्धता से दोपहर औसत हाजिर कीमत 5.05 रुपये प्रति यूनिट पर आ गयी। उद्योग मंडल सीआईआई के बिजली पारेषण उद्योग पर एक सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में भल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाजिर बाजार में बिजली की कीमत कल अचानक नौ रुपये प्रति यूनिट पर आ गयी। इसमें आज कमी आएगी और यह पांच रुपये प्रति यूनिट पर आ जाएगी।’’ कोयले की कमी के बारे में उन्होंने कहा कि बिजली संयंत्रों में ईंधन की कमी को देखते हुए कोयला की आपूर्ति बढ़ायी जा रही है, इससे बिजली उत्पादन बढ़ेगी।
भल्ला ने कहा कि अभी बिजली संयंत्रों के लिये 205 कोयला रैक भेजे जा रहे थे। कोयला मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 225 रैक प्रतिदिन किये जाने को लेकर आश्वस्त किया है। इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पवन ऊर्जा में 7,500 मेगावाट और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के रखरखाव संबंधी कार्यों के कारण बंद होने 2,500 मेगावाट की कमी आयी है। यह अचानक हुआ है। बारिश कम हुई। तापमान बढ़ने के साथ बारिश के मौसम में कृषि मांग बढ़ी है।’’ भल्ला ने कहा, ‘‘आज स्थिति बेहतर होगी। यह आज नौ रुपये प्रति यूनिट गयी है लेकिन पांच रुपये यूनिट पर आ गयी है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की भविष्य में नेपाल से पनबिजली आयात की भी योजना है। बिजली सचिव ए के भल्ला ने कहा, ‘‘चार बिजली संयंत्रों में उत्पादन में काफी कमी आयी है। इसमें 12 प्रतिशत की कमी आयी है। दूसरी तरफ कोयला उत्पादन 17 प्रतिशत बढ़ा है। हमें और कोयला रैक मिल रहे हैं। अभी 205 कोयला रैक प्रतिदिन बिजली संयंत्रों के लिये लोड किये जा रहे हैं जिसे बढ़ाकर 225 प्रतिदिन किये जाने की योजना है।’’ इससे पहले, सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने की उदय योजना बिजली की लागत की प्राप्ति की दिशा में पहला कदम है।
उन्होंने बिजली आपूर्ति में होने वाले नुकसान को कम करने की जरूरत पर भी बल दिया। भल्ला ने उम्मीद जतायी कि चालू वर्ष तक देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंच जाएगी। बिजली मंत्रालय के गर्व पोर्टल के अनुसार बिजली से वंचित कुल 18,452 गांवों में से 14,363 गांवों में बिजली पहुंच गयी है।