लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी को “मुस्लिम आयुक्त” बताने वाले विवादास्पद बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिसको उसके दल ने खारिज कर दिया हो, वह संवैधानिक पदों को सुशोभित कर चुके अधिकारी के बारे में मुंह न खोले, उसी में उसकी इज्जत है।
सपा प्रमुख यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच “एक्स” पर भाजपा सांसद दुबे पर संकेतों में तंज कसते हुए एक पोस्ट में कहा “जिसको उसी के तथाकथित अपने दल ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया हो कि उसका विचार व्यक्तिगत है और इस लायक नहीं कि उसकी पुष्टि या समर्थन किया जाए, वह सांविधानिक पद पर सेवाएं दे चुके एक सेवानिवृत्त उच्चाधिकारी के बारे में मुँह न खोले, उसी में उसकी इज़्ज़त है।”
भारत के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ टिप्पणी से विवादों में घिरने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनाव आयुक्त नहीं बल्कि एक ‘मुस्लिम आयुक्त’ थे।
दुबे चार बार से झारखंड राज्य के गोड्डा से लोकसभा सदस्य हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निशिकांत दुबे और एक अन्य पार्टी सांसद द्वारा उच्चतम न्यायालय की आलोचना पर एक स्पष्ट बयान जारी किया, जिसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन टिप्पणियों को उनके व्यक्तिगत विचार बताते हुए कहा कि भाजपा हमेशा न्यायपालिका का सम्मान करती है। नड्डा ने इन सांसदों के बयान को उनका व्यक्तिगत विचार करार दिया।
अखिलेश यादव ने सोमवार को अपने लंबे पोस्ट में नसीहत भरे अंदाज़ में कहा “कुछ भी कहने-लिखने से पहले भाजपाई अपनी निम्नलिखित चंद चुनावी वारदातों पर निगाह डाल लें।” अखिलेश यादव ने इसके लिए सिलसिलेवार ब्योरा देते हुए पोस्ट में दावा किया “2022 के उप्र विधानसभा में वोटर लिस्ट के द्वारा धांधली और लगभग 90 सीटों के परिणामों पर घपला।”
अखिलेश यादव ने गिनाते हुए कहा “चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उच्चतम न्यायालय के सीसाटीवी के सामने वोट की धांधली की वीडियो रिकार्डिंग और बाद में उच्चतम न्यायालय की डाँट..। 2024 के लोकसभा चुनावों में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से झूठी गिनती के आधार पर कई सीटों पर सर्टिफिकेट में हेराफेरी के ‘फ़र्रूख़ाबाद कांड’ जैसे अनेक ग़ैरक़ानूनी इलेक्शन रिज़ल्ट हेराफेरी कांड। उप्र के मीरापुर उपचुनाव में कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की मदद से वोटरों को पिस्तौल से धमकाकर वोट न डालने देने की घटना और उसकी विश्व विख्यात तस्वीर।
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